हजारीबाग. सीमा सुरक्षा बल अपना 61वां स्थापना दिवस उत्साह व गर्व के साथ मना रहा है. एक दिसंबर 1965 को स्थापित यह बल देश की सीमाओं की सुरक्षा में अपनी अतुलनीय भूमिका के लिए जाना जाता है. उक्त बातें डीआइजी डीके प्रमाणिक ने शनिवार को पत्रकार सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा कि इस वर्ष ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ के साहसिक प्रदर्शन की देशभर में सराहना की गयी. भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बीएसएफ ने पाकिस्तान की 107 अग्रिम चौकियों को ध्वस्त कर दिया था. मेरू टीसी एंड एस के प्रशिक्षित जवानों ने 81 एमएम मोटार्स और मीडियम मशीन गन के द्वारा सटीक गोलाबारी से पाकिस्तानी सैनिकों को घुटने पर ला दिया था. डीआइजी ने कहा कि बीएसएफ को अब तक एक महावीर चक्र, 15 वीर चक्र, छह कीर्ति चक्र, 13 शौर्य चक्र, 234 राष्ट्रपति पुलिस पदक और कुल 1028 वीरता पदक मिला है. लगभग 2.65 लाख कार्मिकों वाले बीएसएफ की 189 बटालियन सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ नक्सल व उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय, मेरू कैंप हजारीबाग बीएसएफ के प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है, जिसे भारत सरकार ने वर्ष 2002 में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया था. अब तक यहां 63,956 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण मिल चुका है, जिनमें 415 विदेशी प्रशिक्षु और 125 महिला प्रशिक्षु शामिल हैं. वर्तमान में 183 जवान प्रशिक्षणरत हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में प्लाटून और बैंड टीम ने गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर हजारीबाग कर्जन ग्राउंड में प्रथम स्थान प्राप्त किया. एनटीपीसी, सीसीएल और टाटा स्टील के सहयोग से अंकुर प्ले स्कूल निर्माण, फायर टेंडर उपलब्धता, झील सफाई और फिजियोथेरेपी सेंटर जैसी सीएसआर परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं.
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