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या अली… या हुसैन…

मुहर्रम. छड़वा मैदान में पहुंचा 22 गांवों से ताजिया व निशान हजारीबाग/कटकमसांडी : अली.. या हुसैन.. का नारा छड़वा मुहर्रम मैदान में गूंजा. मुहर्रम दसवीं के जुलूस में छड़वा मैदान में 22 गांव से तजिया व निशान पहुंचा. डांड गांव के जुलूस में 75 फीट का निशान आकर्षण का केंद्र था. खुटरा का तजिया भी […]

मुहर्रम. छड़वा मैदान में पहुंचा 22 गांवों से ताजिया व निशान
हजारीबाग/कटकमसांडी : अली.. या हुसैन.. का नारा छड़वा मुहर्रम मैदान में गूंजा. मुहर्रम दसवीं के जुलूस में छड़वा मैदान में 22 गांव से तजिया व निशान पहुंचा. डांड गांव के जुलूस में 75 फीट का निशान आकर्षण का केंद्र था. खुटरा का तजिया भी आकर्षक था. जलमा के अंतु साव के तजिया ने कौमी एकता की मिसाल पेश की. सभी ताजिया और निशान का मिलान छड़वा डैम मुहर्रम मैदान में हुआ.
यहां युवकों ने लाठी, तलवार व भाला समेत अस्त्र शस्त्र से हैरतअंगेज करतब दिखाया. मेले में दोनों समुदाय के लगभग 10 हजार लोग शामिल हुए. मेले की सुरक्षा को लेकर डीसी रविशंकर शुक्ला, एसपी भीमसेन टूटी स्वयं तैनात थे.
कहां-कहां के तजिया व निशान पहुंचे: जुलूस में रोमी, बलियंद, पबरा, हरीना, खुटरा, हेदलाग, गदोखर, गदोखर-दो, जलमा, नवादा, डांड, पिचरी, सारुगारु, सुलमी, लुपुंग, भुसवा, कवातू, मंडई, पकरार समेत अन्य गांव के तजिया व निशान शामिल हुए.
नागपुर में बनाया गया डांड गांव का निशान: डांड गांव का निशान 1.75 लाख रुपये की लागत से बना. इसे बनाने में एक साल का वक्त लगा. निशान का निर्माण महाराष्ट्र के नागपुर में किया गया. इसमें कुल 2.75 मीटर कपड़े में कारीगरी की गयी है, जिसे जो कटकमदाग के सिरसी गांव के सुलेमान ने बनाया है.
पबरा में हुआ स्वागत: पबरा गांव में मुसलिम समुदाय के लोगों ने शांति, प्रेम एवं भाईचारगी को मजबूत करने के उद्देश्य से दूसरे समुदाय के लोगों का पगडी बांध कर स्वागत किया. आनंद प्रसाद मेहता, सरयू राम, हीरामन प्रसाद मेहता, वीरेंद्र मेहता, ईश्वर मेहता, योगेंद्र मेहता,पंसस प्रयाग पासवान, सुखलाल राम,शिक्षक विनोद मेहता का स्वागत किया गया.
पंचायत प्रतिनिधियों ने निशान खींचा: छड़वा डैम मुहर्रम जुलूस में विभिन्न पंचायतों प्रतिनिधियों ने अपनी भूमिका निभायी. इन्होंने निशान को ढोनेवाले वाहन को हाथों से खींच कर प्रेम एवं सदभावना का परिचय दिया. इसमें मुखिया संघ अध्यक्ष रामकुमार मेहता, मुखिया पन्नू महतो, भोला यादव, सरयू राम, प्रयास पासवान, बालेश्वर मेहता,सुखलाल राम आदि थे.
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद: मुहर्रम मेले को लेकर सुरक्षा व्यवस्था का कमान डीसी रविशंकर शुक्ल, एसपी भीमसेन टूटी, प्रशिक्षु आइएएस रामनिवास यादव, डीडीसी राजेश कुमार पाठक,एलआरडीसी सतीश चंद्रा,बीडीओ धीरेंद्र कुमार,सीओ नीतू कुमारी,डीएसीपी दिनेश गुप्ता, सीसीआर डीएसपी सहदेव साव इंस्पेक्टर खुर्शीद आलम,बिरजू गंझू,कटकमसांडी थाना प्रभारी कामेश्वर कुमार, पेलावल थाना प्रभारी विमल नंदन सिन्हा दलबल के साथ संभाल रहे थे.सीआरपीएफ की एक कंपनी, भीड नियंत्रण बल की एक कंपनी, 200 जिला जवान, 40 पुलिस पदाधिकारी, 40 दंडाधिकारी सुरक्षा में तैनात थे.
मेले को शांतिपूर्ण बनाने में जुटे लोग: मेले में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो, इसे लेकर अखाड़ा कमेटी एवं दूसरे समुदाय के लोग मुस्तैदी से लगे थे. इनमें मो युसूफ, डांड मुखिया मिनहाज हुसैन, पंसस प्रतिनिधि मो कमाल, मो मुस्तकीम, मो रफीक, इंतिफाक हुसैन, मौजिम अंसारी, मो हबीब, अब्दुल रशीद, हातो मियां,मो बदरुद्दीन, प्रमुख कुमारी श्रीति पांडेय, मुखिया संघ अध्यक्ष रामकुमार मेहता,अर्जुन कुशवाहा, प्रदीप कुमार यादव, समाजसेवी मो इरफान उर्फ काजू, बाबर कुरैशी, संजर मलिक, सलीम रजा समेत कई लोग सेवा में जुटे थे.
ड्रोन कैमरे से निगरानी
मुहर्रम मेले एवं जुलूस की बेहतर निगरानी एवं किसी भी अप्रिय घटना से निबटने के लिये जिला प्रशासन ने पहली बार ड्रोन कैमरे एवं सीसीटीवी का इस्तेमाल किया. साथ ही पूरे मेले को कैमरे कैद करने के लिये वीडीओग्राफी की गयी है.
दो वॉच टॉवर लगे थे. एक अग्निशमन सेवा, दस पानी टैंकर एवं मेडिकल कैंप की व्यवस्था की गयी थी. मेले में प्रशासन की ओर से दो वॉच टॉवर लगाये गये थे. इधर, कटकमसांडी एवं कटकमदाग प्रखंड व सदर प्रखंड के ओरिया, बहेरी, लालपुर और सखिया गांव का अखाडा लालपुर चौक पर जमा हुआ. यहां ताजिया और निशान के साथ खिलाड़ियों ने परंपरागत अस्त्र-शस्त्र का करतब दिखाया.

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