हजारीबाग : संत कोलंबा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ जोनाथन सामवेल शॉ (जेएस शॉ) का निधन 27 अप्रैल की देर रात को हृदयगति रुकने से हो गयी. वे 76 वर्ष के थे. उनके निधन से हजारीबाग सहित राज्य के शिक्षक जगत में शोक की लहर दौड़ गयी.
निधन की खबर मिलते ही उनके चाहनेवाले उनके निवास पर पहुंचे. सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यो से जुड़े लोग उनके निधन से काफी आहत हैं. डॉ शॉ का पार्थिव शरीर उनके निवास से संत कोलंबा कॉलेज लाया गया.
जहां उनके पार्थिव शरीर का विद्यार्थियों, शिक्षक तथा शिक्षकेतर कर्मचारियों ने दर्शन किये. उसके बाद शव को सीएनआइ चर्च में रखा गया. चर्च के बिशप ने उन्हें आशीष दिया. उनका अंतिम संस्कार हुरहुरू स्थित ईसाई कब्रिस्तान में किया गया. उन्होंने अपने पीछे पत्नी हन्ना करुण शॉ, पुत्र मार्टिन राजन शॉ, आइजक नीरज शॉ, जोसेफ आनंद शॉ, पुत्री नोरा निवेदिता शॉ के साथ भरपूरा परिवार छोड़ गये.
उन्होंने कई पुस्तकों की रचना भी की है. डॉ शॉ का पार्थिव शरीर संत कोलंबा कॉलेज पहुंचने पर कुलपति डॉ गुरदीप सिंह, उपकुलपति एमपी प्रसाद तथा शिक्षक संघ के सदस्यों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. शिक्षक संघ ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय परिसर में एक भवन का नामकरण डॉ शॉ के नाम पर करने की मांग की.