हजारीबाग : शमी हत्याकांड के चार अभियुक्तों मो लल्लू उर्फ नसीमुल्लाह, मो कल्लू उर्फ कलीमुल्लाह, मो इश्तेयाक व मो शाहजहां उर्फ सन्नू को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. सोमवार को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर झा की अदालत में सुनवाई पूरी हुई.
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शमी हत्याकांड में चार लोगों को उम्रकैद
हजारीबाग : शमी हत्याकांड के चार अभियुक्तों मो लल्लू उर्फ नसीमुल्लाह, मो कल्लू उर्फ कलीमुल्लाह, मो इश्तेयाक व मो शाहजहां उर्फ सन्नू को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. सोमवार को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर झा की अदालत में सुनवाई पूरी हुई. अदालत ने चारों अभियुक्तों को धारा 302 में उम्रकैद व […]
अदालत ने चारों अभियुक्तों को धारा 302 में उम्रकैद व 10 हजार रुपया जुर्माना, धारा 307 में उम्रकैद व पांच हजार जुर्माना और आर्म्स एक्ट में सात वर्ष व तीन हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना की रकम नहीं देने पर एक साल के अतिरिक्त कारावास का प्रावधान रखा गया है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. इसमें अभियोजन की ओर से 23 व बचाव की ओर से चार लोगों की गवाही दर्ज की गयी. इस मामले में अपर लोक अभियोजक अजय कुमार मंडल ने सरकार का पक्ष रखा.
उल्लेखनीय है कि शहर के पगमिल पेलावल रोड स्थित घोड़ा अस्पताल के समीप दिसंबर 2013 में संजर नवाज खान उर्फ सज्जू व उसके दोस्त शमी पर उक्त लोगों ने फायरिंग की थी. इस हमले में शमी की मौत हो गयी. वहीं संजर घायल हो गया था. इस मामले की प्राथमिकी घायल सज्जू के पिता उज्जैर खान के बयान पर सदर थाना में दर्ज की गयी थी.
संजर के साथ लल्लू का हुआ था जमीन विवाद
उज्जैर खान के अनुसार, उनका पुत्र संजर नवाज खान व अभियुक्त मो लल्लू उर्फ नसीमुल्लाह जमीन खरीद-बिक्री का काम करते थे. लेन-देन को लेकर संजर का लल्लू के साथ विवाद हो गया. दिसंबर 2013 में संजर अपने दोस्त शमी के साथ रांची से कार से हजारीबाग लौट रहा था. रात 10 बजे के करीब जब दोनों घोड़ा अस्पताल के पास पहुंचा, तो अभियुक्तों ने उन पर गोली चला दी. इस हमले में मो शमी की मौत हो गयी व संजर उर्फ सज्जू घायल हो गया.
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