संजय सागर, बड़कागांव
मध्यकालीन करणपुरा राज की राजधानी बादम कभी हर सुविधाओं से परिपूर्ण था. राजा महाराजाओं के कार्यकाल में बादम चकचकाता रहता था. लेकिन आज बादम के लोग शौचालय के लिए मोहताज हैं. बादम के राजा हेमंत सिंह कभी पड़ोसी राज्यों को आर्थिक, सैनिक मदद किया करता था. लेकिन बादम आज अपनी जन समस्याओं को लेकर आंसू बहा रहा है. विडंबना यह है कि बादम को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है.
लेकिन आज भी दर्जनों घरों में शौचालय नहीं बना है. कई घरों में शौचालय नहीं बनने के कारण महिलाओं को अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता है और सूर्योदय होने से पहले शौच के लिए घर से बाहर जाना पड़ता है. पुरुष से लेकर महिला तक नदियों के झाड़ियों में शौच जाने को मजबूर हैं.
क्या कहना है पंचायत समिति सदस्य के प्रतिनिधि को
पंचायत समिति सदस्य के प्रतिनिधि राजा खान ने बताया कि बादम में लगभग 40-50 घरों में अब तक शौचालय नहीं बना है. इसके लिए मनरेगा एवं जल स्वच्छता विभाग को भी आवेदन दिया जा चुका है. उन्होंने मांग की है कि जिनके घरों में शौचालय नहीं बना है, उनके घरों में शौचालय शीघ्र बना दिये जाए.
इनके घर में शौचालय नहीं है
टुकन राम, शुक्र राम, श्रीदेवी, रेखा देवी, काजलदेवी, कौशल्या देवी, रफिया खातुन, रहमती खातुन, शबनम आरा, परवेज आलम, हरि साव, किरत साव, फुलेंदर गुप्ता, जयंती देवी, छोटू राम, शुग्गु महतो, आरिफ वकार, शुबबी महतो, दारा महतो, मेराज अंसारी, कांती देवी, कमल गोप, लखन गोप, राजु खान, तुलसी महतो, कौशैन खातुन, जागेश्वर प्रजापति, धनेश्वर राम, उर्मिला देवी, राजेश राम, बेबी परवीन, हिरा अहमद, शमशेर आलम, इम्तियाज अंसारी, आबदा खातुन समेत 40-50 लोगों के घरों में शौचालय नहीं है. इन लोगों ने मनरेगा या जल स्वच्छता विभाग से शौचालय निर्माण की मांग की है.