अधिवक्ताओं ने सरकार की वादाखिलाफी का किया विरोध
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मंगलवार को कलमबंद हड़ताल पर रहेंगे अधिवक्ता
अधिवक्ताओं ने सरकार की वादाखिलाफी का किया विरोध जिला सत्र न्यायाधीश व उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन हजारीबाग : केंद्रीय बजट में देश के अधिवक्ताओं के हित को लेकर कोई योजनाएं नहीं लिये जाने के विरोध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सोमवार से अपना दो दिवसीय विरोध शुरू किया. इसको लेकर हजारीबाग बार एसोसिएशन की […]
जिला सत्र न्यायाधीश व उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
हजारीबाग : केंद्रीय बजट में देश के अधिवक्ताओं के हित को लेकर कोई योजनाएं नहीं लिये जाने के विरोध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सोमवार से अपना दो दिवसीय विरोध शुरू किया. इसको लेकर हजारीबाग बार एसोसिएशन की बैठक बार भवन में हुई. अध्यक्षता बार के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार मन्ने ने की. मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिवक्ताओं से जो वादा किया था, उसे पांच साल में भी पूरा नहीं कर सके है.
हमलोगों से वादा किया गया था कि सत्ता में आने के बाद अधिवक्ता कल्याण के लिए केंद्र सरकार योजना लायेगी. हर वर्ष की बजट में अधिवक्ता इसका इंतजार करते रहें. अंतरिम बजट में भी जब हमारी मांगों पर केंद्र सरकार ने कोई प्रावधान नहीं किया, तो विवश होकर हमलोगों ने राष्ट्रीय स्तर पर वादाखिलाफी के विरोध में अपनी आवाज बुलंद करने का निर्णय लिया. अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार सिंह व उपायुक्त रविशंकर शुक्ला को अधिवक्ताओं ने सौंपा. मंगलवार को अधिवक्ता अपना कामकाज बंद रखेंगे. एसोसिएशन का एक शिष्टमंडल अपनी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री रघुवर दास व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपेंगे.
विरोध करने वालों में उपाध्यक्ष भैया संजय कुमार, किशोरी मोहन वर्मा, बख्शी नरेश प्रसाद, अजय कुमार पांडेय, महावीर साव, सुमन कुमार सिंह, काली दास पांडेय, प्रणव झा, मो इस्लाम, बैजनाथ मिश्रा, कमल पांडेय, गौरव सहाय, कुणाल भारद्वाज, भैया उत्तम कुमार, फणी कुमार यादव, सुनील कुमार ठाकुर, शैलेंद्र कुमार, बबलू कुमार, जीतेंद्र गुप्ता, कल्पना गोयल, कृष्णा अग्रवाल, प्रताप सिंह जयपुरियार, पिंटू कुमार, विनोद राम, गौरी शंकर प्रसाद, कुमार रंजन, भरत कुमार, मदन मोहन बख्शी, मुकेश कुमार बख्शी, मनोज शर्मा, मो आफताब आदि शामिल थे.
क्या है मांगें: अधिवक्ता के पूरे परिवार को 20 लाख की बीमा, पांच लाख को मेडिक्लेम, इलाज के लिए विशेष कार्ड मुहैया कराया जाये, नये अधिवक्ताओं को उनके प्रैक्टिस के पांच साल तक सरकार 10 हजार प्रतिमाह स्टेफन दे, अधिवक्ता के असमय मृत्यु पर उनके आश्रितों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने, डीएलएसए एक्ट में परिवर्तन करने, 65 साल के नीचे के अधिवक्ता की मृत्यु, सड़क दुर्घटना, हत्या, मयावह बीमारी से होने की स्थित उसके परिजनों को 50 लाख रुपये देने की मांग समेत अन्य मांगें शामिल हैं.
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