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पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है पिंजरापोल गोशाला
दिलीप वर्मा, हजारीबाग : शहर से करीब 10 किमी की दूरी पर घने जंगलों व पहाड़ के बीच स्थित है जुलजुल. यहां प्रकृति की सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है. जुलजुल जंगल व पहाड़ी की तराई में सौ साल से अधिक पुराना पिंजरापोल गोशाला है, जो करीब 12 एकड़ भूमि में फैला है. गोशाला को […]
दिलीप वर्मा, हजारीबाग : शहर से करीब 10 किमी की दूरी पर घने जंगलों व पहाड़ के बीच स्थित है जुलजुल. यहां प्रकृति की सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है. जुलजुल जंगल व पहाड़ी की तराई में सौ साल से अधिक पुराना पिंजरापोल गोशाला है, जो करीब 12 एकड़ भूमि में फैला है. गोशाला को स्वच्छ कर चार से पांच एकड़ भूमि पर आम के पेड़ लगाये गये हैं.
आम्रपाली, मल्लिका, लंगड़ा, दशहरी, हेमसागर आम के पौधे यहां लगे हैं. वहीं दो सौ अधिक इलाहबादी अमरूद के पौधे हैं. परिसर चारों तरफ से चहारदीवारी से घिरी है. यहां प्रत्येक वर्ष ऐतिहासिक गोपाष्ठिक मेला लगता है, जिसमें लोगों की भीड़ उमड़ती है. लोग नये साल में यहां पिकनिक मनाने आते हैं.
गोशाला सचिव चंद्रप्रकाश जैन ने कहा कि नववर्ष पर यहां आकर लोग गाय को गुड़, चोकर व घास खिलाते हैं और नये वर्ष का शुभारंभ करते हैं. यहां अतिथियों के ठहरने के लिए कॉटेज बनाया है. अब यहां के बदले रूप एवं सौंदर्य से मोहित होकर अधिक से अधिक सैलानी आने लगे हैं. पिकनिक के दृष्टिकोण यहां सबसे अधिक सुरक्षित स्थल मना जा रहा है.
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