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स्कूलों के कमरे खाली, बच्चे खेल रहे चोर-सिपाही, मध्याह्न भोजन ठप
हजारीबाग : पारा शिक्षकों की स्थायीकरण की मांग को लेकर भाजपा के विधायक और सांसद के आवासों के बाहर दिन-रात घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन चला रहे हैं. वहीं पिछले 13 दिनों से सरकारी विद्यालयों में बच्चों व शिक्षकों के अभाव में वीरानी है. जहां विद्यालय खुले भी हैं, तो वहां बच्चों की उपस्थिति नगण्य […]
हजारीबाग : पारा शिक्षकों की स्थायीकरण की मांग को लेकर भाजपा के विधायक और सांसद के आवासों के बाहर दिन-रात घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन चला रहे हैं. वहीं पिछले 13 दिनों से सरकारी विद्यालयों में बच्चों व शिक्षकों के अभाव में वीरानी है. जहां विद्यालय खुले भी हैं, तो वहां बच्चों की उपस्थिति नगण्य है. प्रभात खबर की टीम ने ऐसे ही विद्यालयों की ग्राउंड रिपोर्टिंग की.
चुरचू प्रखंड के सुदूरवर्ती विद्यालय राजकीय उत्क्रमित विद्यालय लारा में प्रभात खबर की टीम पहुंची. इस विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की पढ़ाई होती है. विद्यालय के 114 विद्यार्थियों में से 79 छात्र अनुसूचित जनजाति के पढ़ते हैं. इस विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक सरकारी और ग्राम शिक्षा समिति द्वारा चार पारा शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है.
राजकीय उत्क्रमित मवि लारा में करीब 12 बजे एकमात्र शिक्षक राजेश्वर राम ऑफिस में मासिक वेतन निकासी के लिए विपत्र भर रहे थे. कुछ बच्चे अपने कक्षा में आपस खेल रहे थे. बच्चों से पूछने पर बताया कि वे चोर- सिपाही खेल रहे हैं. सभी बच्चे कक्षा एक से पांच के थे, जिन्हें स्कूल में बुनियादी शिक्षा की अधिक जरूरत है. विद्यालय में कमरे खाली थे. कुछ किताब डेस्क पर पड़े थे. लेकिन छात्र नहीं थे. बच्चों से पूछने पर बताया कि उनके घर में धनकटनी है, इसलिए किताब छोड़ खेत चले गये हैं.
उसके बगल के कमरे में सात बच्चे अपने बस्ते के साथ मायूस बैठे हैं. सभी बच्चे निर्माण कक्ष की पहली और दूसरी कक्षा के छात्र हैं. पिछले 13 दिनों से उन्हें कोई पढ़ाने नहीं आया है. रोज बस्ते लेकर स्कूल आते हैं और फिर घर चले जाते हैं.
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