कुंदा: प्रखंड के आदिम जनजाति के लोगों को सरकारी सुविधा नहीं मिल रही है. एक ओर जहां वे जर्जर व अधूरे आवास में रहने को विवश हैं. वहीं दूसरी ओर तीन माह से उन्हें केरोसिन भी नहीं मिल रहा है. केरोसिन नहीं मिलने के कारण उन्हें काफी परेशानी हो रही है. घर में अंधेरे की वजह से रात में सांप, बिच्छू का भय बना रहता है. खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आदिम जनजाति के लिए डाकिया योजना शुरू की गयी है. इस योजना के तहत बिरहोर व बैगा जाति के लोगों को घर तक अनाज व केरोसिन पहुंचाया जाता है. प्रखंड में आदिम जनजाति के 156 परिवार रहते हैं. बिरहोरो को कल्याण विभाग से मिला बिरसा आवास बिचौलियो का भेट चढ़ गया.
क्या कहते है बिरहोर : जगन्नाथपुर गांव के कमोद बैगा ने कहा कि केरोसिन के आभाव में पिछले तीन माह से अंधेरे में रात गुजारनी पड़ रही है. केरोसिन नहीं मिल रहा है. बुधनी बैगिन ने कहा कि पिछले तीन माह से रात होने के पूर्व लकड़ी जला कर घर में रोशनी कर खाना खाते हैं. धर्मामांडर के सोमर बैगा ने कहा कि केरोसिन नहीं मिलने से बच्चों को काफी परेशानी हो रही है.
क्या कहते हैं प्रभारी बीडीओ : बीडीओ सह प्रभारी एमओ मो परवेज ने कहा कि बैगा जाति के लोगों को केरोसिन नहीं मिलने की जानकारी नही हैं. मामले की जांच कर दोषी डीलर के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. साथ ही जल्द ही बिरहोर व बेगा जाति के लोगों को केरोसिन उपलब्ध कराया जायेगा.
क्या कहते हैं एसडीओ : एसडीओ नंदकिशोर लाल ने कहा की जो कार्डधारी पूर्व में जो डीलर के पास से केरोसिन उठाव कर रहे हैं. उसी डीलर के पास आवंटन दिया गया है. जुलाई व अगस्त माह का तेल उठाव कर सकते हैं.