गुमला. शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं होती. वह जीवनभर साथ चलने वाले रिश्तों, मूल्यों और यादों की नींव भी रखती हैं. इस भावना को जीवंत करते हुए संत इग्नासियुस उवि गुमला के वर्ष 2001 बैच के पूर्व छात्रों ने भव्य और भावनात्मक री-यूनियन का आयोजन शंख नदी के मनोहारी तट पर किया. शिशिर दास ने कहा कि यह आयोजन न केवल पुराने मित्रों के मिलन का अवसर बना, बल्कि गुरु-शिष्य परंपरा, मित्रता और सामाजिक जुड़ाव का भी सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करता नजर आया. करीब दो दशक से अधिक समय बाद एक-दूसरे से मिलने वाले इन पूर्व छात्रों के चेहरों पर उत्साह, अपनापन और भावुकता साफ झलक रही थी. इसमें कोई मलेशिया, साउथ अफ्रीका और दिल्ली में कार्यरत है, तो कोई पटना, रांची, जमशेदपुर, बोकारो और देश के अन्य प्रमुख शहरों में अपनी सेवाएं दे रहा हैं. अलग-अलग क्षेत्रों पत्रकारिता, प्रशासन, शिक्षा, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, व्यापार और सामाजिक सेवा में सक्रिय ये सभी छात्र जब एक साथ जुटे, तो समय मानो पीछे लौट गया. शंख नदी का शांत वातावरण इस आयोजन के लिए एक आदर्श पृष्ठभूमि साबित हुआ. नदी की कलकल धारा के बीच बचपन व किशोरावस्था की यादें स्वतः ही ताजा हो उठीं. स्कूल के दिनों की शरारतें, प्रार्थना सभा, खेल के मैदान, परीक्षा का तनाव और शिक्षकों की सीख हर विषय पर देर तक बातचीत होती रही. कई छात्र भावुक होकर अपने अनुभव साझा करते दिखे और यह स्वीकार किया कि स्कूल जीवन ने उनके व्यक्तित्व को गढ़ने में अहम भूमिका निभायी. री-यूनियन के दौरान एक औपचारिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सभी पूर्व छात्रों ने बारी-बारी से अपने जीवन के अनुभव साझा किये.
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