गुमला. गुमला में वक्फ बिल का मुस्लिम धर्मावलंबियों ने विरोध किया. अलविदा जुमे की नमाज के वक्त सभी लोगों ने काला पट्टी बांध कर नमाज पढ़ी. गुमला शहर के सभी मस्जिदों में शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज अदा की गयी. जामा मस्जिद में इमाम जनाब एनाम रब्बानी ने नमाज के बाद अमन व शांति के लिए विशेष दुआ की. उन्होंने कहा है कि जिस तरह से हमलोगों ने अभी तक पाबंदी के साथ रोजा रखा है. कुरान का पाठ किया है. तरावीह की नमाज अदा करते आ रहे हैं. मुसलमान को चाहिए कि अपनी जिंदगी पूरी तरह से सुन्नतें रसूल पर चल कर गुजरने की कोशिश होनी चाहिए. इंसान अपने एक साल की जिंदगी को पूरा करने के बाद दूसरे साल की जिंदगी पाता है, तब रमजान के रोजे रख पाता है. अगर माह-ए-रमजान की फजीलत की हकीकत लोगों को समझ में आ जाये, तो हर आदमी यह तमन्ना करेगा कि उसकी जिंदगी में सालों भर रमजान रहे. अंजुमन के सचिव मकसूद आलम व प्रवक्ता आशिक अंसारी ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि आप सब पवित्र महीने में गरीब यतीम व जरूरतमंदों को दिल खोल कर मदद करें, ताकि ईद की खुशी में उन्हें खुशी मिल सके. इस दौरान अंजुमन इस्लामिया गुमला की अगुवाई में हजारों के तादाद में मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा करने के बाद वक्फ संशोधन बिल के विरोध में अपने हाथों में काली पट्टी बांध सरकार के इस फैसले का विरोध किया. अंजुमन इस्लामिया के सदर मुशाहिद आजमी ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल एक गहरी साजिश है. इसका साफ उद्देश्य यह है कि मुसलमानों को उनकी मस्जिदों, ईदगाहों, मदरसों, दरगाहों, कब्रिस्तानों समेत अन्य धार्मिक सामाजिक संस्थानों से बेदखल कर दिया जाये. अगर यह बिल पारित हो गया, तो सैकड़ों मस्जिद, ईदगाह, मदरसे, कब्रिस्तान और अन्य संस्थाएं हमारे हाथ से निकल जायेगी.
ईद की नमाज का समय तय
मदरसा इस्लामिया फैज-ए-आम में सुबह 7.00 बजे, मस्जिद रजा-ए-हबीब 7.45 बजे, मस्जिद गौसुलवारा 8.00 बजे, कादरिया मस्जिद 8.00 बजे, मस्जिद रजा-ए-मुस्तफा 8.15 बजे, जैनब मस्जिद 8.15 बजे, मस्जिद हुदा में 8.00 बजे, मक्का मस्जिद में 8.30 बजे, फैजान-ए-रजा में 8.30 बजे, गौसिया मोती मस्जिद में 8.30 बजे, मदीना मस्जिद में 9.00 बजे, जामा मस्जिद 9.00 बजे, ईदगाह में 9.30 बजे नमाज अदा की जायेगी.
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