गुमला. गुमला में बुधवार को सुबह से रात तक बारिश हुई. जिले के सभी 12 प्रखंडों में जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. बारिश से शहरी क्षेत्र की कई दुकानें नहीं खुलीं. सड़कों पर कुछ ही लोग नजर आये. कई महत्वपूर्ण दुकानें भी बारिश के कारण बंद रही. अगर कुछ दुकानें खुली, तो उनका व्यापार मंदा रहा. खासकर होटल दुकानदारी बुरी तरह प्रभावित हुई है. कपड़ा दुकानों में सन्नाटा देखा गया. इधर बारिश से जहां किसान खुश दिखे, तो दूसरी तरफ जो हर दिन कमाते हैं और खाते हैं. वैसे लोग मायूस नजर आये. रिक्शा चालकों व मोटिया लोगों का काम प्रभावित हुआ. सड़कों पर इक्के-दुक्के रिक्शा दिखा. टेंपो चालकों को भी सवारी नहीं मिले. बारिश से गुमला में चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा था. गुमला शहर में 45.3 मिमी बारिश हुई है. इधर, बारिश के कारण जब स्कूल छुट्टी हुई, तो बच्चे पानी में भींगते हुए घर गये.
बारिश से गरमा धान पर संकट
बारिश से कहीं खुशी है, तो कहीं मायूसी भी है. मायूसी की वजह गरमा धान की फसल है. गुमला, भरनो, पालकोट व घाघरा में बड़े पैमाने पर गरमा धान की खेती की गयी थी. कुछ किसानों ने अच्छी खेती की, धान भी काट लिया. परंतु अभी भी सैकड़ों ऐसे किसान हैं, जो गरमा धान की खेती की थी. लेकिन धान तैयार नहीं होने के कारण काटे नहीं थे. कृषि वैज्ञानिक अटल बिहारी तिवारी ने बताया कि गुमला जिले में करीब 1000 हेक्टेयर खेत में लगा गरमा धान बारिश से प्रभावित हुआ है. सबसे अधिक भरनो प्रखंड में गरमा धान की खेती की गयी थी. बारिश के कारण गरमा धान की खेती करने वाले किसान परेशान हैं.
पालकोट : वज्रपात से दो बैल की मौत
पालकोट. प्रखंड की नाथपुर पंचायत के डहुडाड़ खूंटीटोली गांव में वज्रपात से दो बैलों की मौत हो गयी. किसान पारसा उरांव व संतोष मुंडा का एक एक बैल था. किसानों ने प्रखंड प्रशासन से मुआवजा की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

