गुमला. राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जिला सूचना भवन गुमला के सभागार में पत्रकार संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस वर्ष की थीम बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता का संरक्षण करना रहा. संचालन जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी ललन कुमार रजक ने किया. जिले के विभिन्न मीडिया संस्थानों से जुड़े पत्रकारों ने संगोष्ठी में सक्रिय भागीदारी निभायी और अपने अनुभवों, चुनौतियों व सुझावों को साझा किया. कार्यक्रम की शुरुआत में डीपीआरओ श्री रजक ने सभी पत्रकारों का स्वागत से किया. प्रेस दिवस के महत्व और कार्यक्रम के उद्देश्य से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि समय के साथ पत्रकारिता के तौर-तरीके और माध्यमों में परिवर्तन आया है और ऐसे समय में पुराने व नयी पीढ़ी के पत्रकारों का अनुभव समाज को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. संगोष्ठी के दौरान पत्रकार रणधीर निधि ने कहा कि पत्रकारिता के स्वरूप व माध्यमों में वर्षों में कई बदलाव आये हैं. परंतु पत्रकारिता का मूल उद्देश्य सदैव समाज का उत्थान और जन समस्याओं को सामने लाना रहा है. प्रवीण कुमार ने वर्तमान दौर में बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता बनाये रखने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया आज भी जनता का भरोसा जीतने में अग्रणी है और समाचारों की सटीकता सबसे महत्वपूर्ण है. शहजाद अनवर ने कहा कि गुमला जिले के कई पत्रकारों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायी है. आज तकनीक के कारण समाचारों के प्रचार-प्रसार की गति तेज हुई है, जिससे पत्रकारिता का प्रभाव और दायित्व दोनों बढ़े हैं. नरेश कुमार ने अपनी पत्रकारिता यात्रा और इस पेशे में आने के उद्देश्य को साझा किया. किशोर जायसवाल ने कहा कि समय के साथ पत्रकारों के सम्मान में गिरावट दिख रही है और अधिकारियों तथा पत्रकारों के बीच संवाद को और मजबूत करने की आवश्यकता है. निर्मल सिंह ने पत्रकारिता के दौरान आने वाली चुनौतियों का उल्लेख करते हुए पत्रकारों व अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया, ताकि पारस्परिक समझ और समन्वय को और बेहतर बनाया जा सके. बलदेव शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता एक जिम्मेदार और मर्यादित पेशा है. यदि पत्रकार अपनी लेखनी को सत्य और जनहित के मार्ग पर बनाये रखें, तभी समाज में उनकी विश्वसनीयता कायम रहेगी. उन्होंने फेक न्यूज के दौर में निष्पक्षता व सटीकता को सर्वोपरि रखने की जरूरत बतायी. पत्रकार दुर्जय पासवान व अमरनाथ कश्यप ने संगोष्ठी के दौरान गुमला में पत्रकार कॉलोनी बनाने, प्रेस क्लब निर्माण के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा समाहरणालय परिसर में पत्रकारों के बैठने के लिए उपयुक्त व्यवस्था की मांग रखीं. पत्रकार गणपत लाल चौरसिया ने भी अपने अनुभवों को साझा किया. पत्रकारों को आपस में भी एक अच्छे समन्वय स्थापित करते हुए पत्रकारिता को आगे बढ़ाने की बात कही. संगोष्ठी के दौरान अन्य पत्रकारों ने भी प्रशासनिक सूचना प्रणाली, बड़े कार्यक्रमों की पूर्व सूचना, प्रेस से जुड़ी सुविधाओं तथा पहचान पत्र उपलब्ध कराने से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किये. कार्यक्रम के अंत में डीपीआरओ श्री ललन कुमार रजक ने कहा कि जिला प्रशासन पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के प्रति संवेदनशील है और प्रशासन की ओर से आयोजित कार्यक्रमों की सूचना समय से उपलब्ध कराने का निरंतर प्रयास किया जायेगा. कार्यक्रम में सहायक जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी एलीना दास, जगरनाथ पासवान, दीपक वर्मा, मुकेश सोनी, अनिल सागर सिंह, जनसंपर्क विभाग की स्वाति तिर्की, दिवाकर साहू, रामलखन कुमार आदि उपस्थित थे.
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