गुमला. अतखा पड़हा बेंदोरा के तत्वावधान में सोमवार को झंडा बदली सह पड़हा गठन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में गांव के लोगों ने पारंपरिक रूप से पूजा कर सफेद झंडा की स्थापना की. कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि मूली पड़हा के पूर्व राजी कोटवार सुशील उरांव, देवान चुइयां कुजूर, कोटवार देवेंद्र लाल उरांव, डाड़ा पड़हा के उप बेल छोटेलाल भगत, सुरेंद्र उरांव व हरिहर कुमार ने संयुक्त रूप से धरती आबा बिरसा मुंडा, स्व कार्तिक उरांव व भीखराम भगत की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया. मुख्य अतिथि पूर्व राजी कोटवार सुशील उरांव ने कहा देश को लोकतंत्र की सीख देने वाला समुदाय जनजातीय समुदाय है. उन्होंने कहा कि राज तंत्र, मुगल काल व अंग्रेजी हुकूमत के समय भी जनजातीय समुदाय अपने गांव में खुद के शासन का संचालन करता था और गांव के विवादों का निबटारा करता था. देवान चुइयां कुजूर ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम व पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों में पेसा कानून में पारंपरिक ग्रामसभा को विशेष अधिकार दिया गया है. यह अधिकार हमें अपनी परपंरा, धर्म, संस्कृति, आरक्षण, भाषा, जल, जंगल व जमीन के संरक्षण व संवर्धन का अधिकार देता है. कोटवार देवेंद्र लाल उरांव ने कहा कि उरांव समाज का लिखित ग्रंथ नहीं है. गीत, कहानी व पूजा में हमारा इतिहास है. आज युवाओं को पढ़-लिख कर राइटर व फाइटर बनने की जरूरत है. कार्यक्रम को छोटेलाल भगत, हरिहर कुमार, सुरेंद्र उरांव व प्रफुल्ल उरांव ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में अतखा पड़हा बेंदोरा का गठन किया गया, जिसमें बेल देवलाल उरांव, देवान उमेश मिंज व कोटवार सुशील उरांव को बनाया गया. कार्यक्रम में शिवलाल उरांव, लशु उरांव, सुशील तिर्की, देवलाल उरांव, करिश्मा उरांव, सुनीता उरांव, राजेंद्र नायक, राजेंद्र उरांव, सोहानी देवी, धरनी देवी आदि मौजूद थे.
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