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Gumla News|गुमला, दुर्जय पासवान : गुमला जिले में 2 गांव के लोगों ने 5 गांव के लोगों पर अपने गांव की सीमा में दाखिल होने पर रोक लगा दी है. जंगल से लकड़ी चुनने पर भी प्रतिबंध लगा रखा है. मामला डुमरी प्रखंड का है. प्रखंड मुख्यालय के नवाडीह, जितियाटोली, भेड़ीताल, बेलटोली, जिलिंगटोली गांव के लोगों का आरोप है कि जंगल से जलावन के लिए सूखी लकड़ी चुन लाते हैं. इस पर भी ग्रामीणों ने प्रतिबंध लगा दिया है. इन 5 गांव के लोगों ने अब इसका मुखर विरोध शुरू कर दिया है.
5 गांव के सैकड़ों लोगों ने जितियाटोली के आम बगीचा में की बैठक
इस मुद्दे पर गुरुवार को उन 5 गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने जितियाटोली गांव के आम बगीचा में बैठक की. इसकी अध्यक्षता प्रवीण कुमार तिर्की ने की. भेड़ीताल गांव की महिलाओं ने बताया कि हड़सरी और करमटोली गांव के लोग लकड़ी लाने और पहाड़ चढ़ने से मना करते हैं. गांव की सीमा पार नहीं करने दे रहे हैं. महिलाओं ने कहा है कि जिस जंगल में उन्हें घुसने से रोका जा रहा है, उसी जंगल में उनका खेत है. दूसरे गांव के लोगों का कहना है कि हमारे गांव की सीमा में कदम नहीं रखना है.
बड़ा कटरा और बेलटोली के लोग लड़ रहे हैं 5 गांव के लोगों से
कटरा गांव के लोग कहते हैं कि पहाड़ हमारा धन है. आप हमारे धन को काट नहीं सकते. मीना देवी ने कहा कि दो साल से यह लड़ाई चल रही है. बड़ा कटरा और बेलटोली के लोग लड़ रहे हैं. कटरा वाले लकड़ी लाने से मना करते हैं. छिप-छिपाकर किसी तरह से वे लकड़ियां लातीं हैं. उनका कहना है कि सूखी लकड़ी नहीं लायेंगे, तो क्या हम गैस से धान पकायेंगे.
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शादी विवाह में जंगल नहीं जायेंगे, तो शादी कैसे होगी – पंखरासियुस
पंखरासियुस ने कहा सीमांकन की बहुत बड़ी समस्या है. शादी विवाह में जंगल नहीं घुसेंगे, तो शादी कैसे होगी. राधे ने कहा कि दादा-परदादा के समय से ही हम जंगल जा रहे हैं. 2 साल से जंगल में नहीं जाने दिया जा रहा. ग्रामीणों की बात सुनने के बाद अध्यक्ष प्रबोध कुमार तिर्की ने कहा, ‘हम उरांव जनजाति के हैं. खेत का खतियान हमारे पास है. उसी प्रकार हर गांव के लिए जंगल का पर्चा दे दिया है. हम अपने जंगल से लकड़ी ला सकते हैं. शादी में मड़वा, दतुवन, पत्ता लाकर पत्तल बनाकर खाना खा सकते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए गांव-गांव में समिति का गठन किया गया.’
समितियों का किया गया गठन, प्रवीण कुमार तिर्की बने अध्यक्ष
समिति में जिलिंगटोली से रेखा देवी, रंजीता देवी, संजीव भगत, मनोज उरांव, राधे उरांव, सिमजल उरांव, भेड़ीताल से नीचोत खलखो, गोस्नर बेक, फूल कुमारी, इमेल्दा टोप्पो, जितियाटोली से आगाथा लकड़ा, बिमला बाखला, पंखरासियुस मिंज, मारियानुष बाखला, नवाडीह से प्रवीण कुमार तिर्की, डेविड टोप्पो, एलबन टोप्पो, एलेक्जेंडर लकड़ा, सुखन साय को शामिल किया गया है. प्रवीण कुमार तिर्की को सर्वसम्मति से अध्यक्ष और विक्टोरिया बाखला को सचिव चुना गया. मौके पर सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.
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