घाघरा. प्रखंड परिसर में घाघरा वुमेन फाॅर्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड व जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से पुनर्जीवित खेती व स्वदेशी बीज संरक्षण विषय पर कार्यशाला हुई. इसका शुभारंभ डीडीसी दिलेश्वर महतो ने दीप जला कर किया. मौके पर प्रखंड के किसानों द्वारा विभिन्न स्वदेशी बीजों की प्रदर्शनी लगायी गयी थी. डीडीसी ने प्रदर्शनी में लगी बीजों का अवलोकन किया और किसानों की प्रशंसा की. साथ ही हाइब्रिड बीजों के अधिक उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए जिले में पुनर्जीवित कृषि को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बतायी. डीडीसी ने किसानों को स्वदेशी बीजों को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया. कहा कि किसान अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए हाइब्रिड बीजों का अधिक उपयोग करते हैं. लेकिन ऐसा करना खेतों के लिए घातक है, जिससे बचने की जरूरत है. जिला उद्यान पदाधिकारी तमन्ना परवीन ने प्राकृतिक खेती क्लस्टरों के विस्तार, महिला किसानों की भागीदारी व केंद्र सरकार की योजनाओं से उन्हें जोड़ने पर जोर दिया. प्रदान संस्था रांची के जीब दास ने बताया कि समय के साथ किसानों का पारंपरिक बीजों पर नियंत्रण कम हुआ है. ऐसे में एफपीओ स्तर पर बीज बैंक स्थापित कर स्वदेशी बीजों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि झारखंड मिलेट मिशन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. मौके पर सीओ खाखा सुशील कुमार, जितेंद्र यादव, देवेंद्र कुमार आदि मौजूद थे.
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