Jharkhand News (जमशेदपुर) : कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार बलमुचू की कांग्रेस में वापसी होगी. केंद्रीय आलाकमान ने इसकी हरी झंडी दे दी है. आने वाले समय में इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी जायेगी. दिल्ली दौरे पर गये झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डाॅ रामेश्वर उरांव और राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने कांग्रेस के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की. श्री वेणुगोपाल से भेंट के दौरान उन्होंने चुनाव के वक्त कांग्रेस छोड़ कर पार्टी के विरोध में चुनाव लड़ने वाले प्रदीप कुमार बलमुचू और सुखदेव भगत की घर वापसी पर चर्चा की.
सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने केसी वेणुगोपाल से डॉ प्रदीप बलमुचू के पार्टी में आने से पार्टी को होने वाले फायदे की जानकारी दी. हालांकि, सुखदेव भगत की इंट्री पर पेंच अभी बरकरार है. माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ही सुखदेव भगत को कांग्रेस में फिर से इंट्री देने के पक्ष में नहीं हैं.
मालूम हो कि कांग्रेस पार्टी के चार पूर्व प्रदेश अध्यक्षों ने पार्टी से इस्तीफा दिया था. इनमें डॉ अजय कुमार ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए पहले अपने पद से इस्तीफा दिया और फिर बाद में पार्टी के प्रदेश स्तर के कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगा कर पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया था. लेकिन, पिछले दिनों डॉ अजय कुमार दोबारा कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर लिया.
वहीं, दूसरी ओर झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सरफराज अहमद ने भी इस्तीफा देकर जेएमएम से चुनाव लड़ा था. हालांकि, वे चुनाव जीत गये. लेकिन, प्रदीप बलमुचू ने पार्टी से बगावत कर आजसू पार्टी के टिकट पर जबकि सुखदेव भगत ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और दोनों हार गये थे. हारने के बाद से ही दोनों नेताओं ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था. जिसे प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के जरिये केंद्रीय आलाकमान के पास पहुंचा दी गयी थी.
कांग्रेस सूत्रों की मानें, तो डॉ प्रदीप बलमुचू की पार्टी में दो माह पूर्वी ही इंट्री की हरी झंडी केंद्रीय आलाकमान ने दे दी थी. कांग्रेस के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल को इस संबंध में पत्र जारी करने को कहा गया था. लेकिन, अचानक उनकी माता की तबीयत खराब हो गयी और वे अपना पैतृक आवास चले गये. वहां करीब एक माह तक रहे. इस दौरान पत्र जारी नहीं हो सका. इसी बीच डॉ बलमुचू के विरोधियों ने दिल्ली दौड़ लगा कर उनके खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास किया. जिस वजह से केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी इंट्री को होल्ड पर रख दिया था.
Posted By : Samir Ranjan.