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प्रभु यीशु ने शांति का संदेश दिया : बिशप
अनुष्ठान. संत अन्ना और जोवाकिम पर्व के अवसर पर संत पात्रिक महागिरजाघर में विशेष मिस्सा गुमला : संत अन्ना और जोवाकिम का पर्व मंगलवार को हर्षोल्लास से मनाया गया. इस अवसर पर गुमला के संत पात्रिक महागिरजाघर में विशेष मिस्सा अनुष्ठान हुआ. मुख्य अधिष्ठाता गुमला धर्मप्रांत के बिशप स्वामी पॉल लकड़ा ने मिस्सा पूजा करायी. […]
अनुष्ठान. संत अन्ना और जोवाकिम पर्व के अवसर पर संत पात्रिक महागिरजाघर में विशेष मिस्सा
गुमला : संत अन्ना और जोवाकिम का पर्व मंगलवार को हर्षोल्लास से मनाया गया. इस अवसर पर गुमला के संत पात्रिक महागिरजाघर में विशेष मिस्सा अनुष्ठान हुआ. मुख्य अधिष्ठाता गुमला धर्मप्रांत के बिशप स्वामी पॉल लकड़ा ने मिस्सा पूजा करायी.
उन्होंने कहा कि संत अन्ना और जोवाकिम बहुत धार्मिक थे. इन लोगों से माता मरियम का जन्म हुआ और माता मरियम से हमारे मुक्तिदाता व उद्धारक प्रभु यीशु का जन्म हुआ. प्रभु यीशु परमपिता परमेश्वर के प्रिय पुत्र थे.
इसके बाद भी परमपिता परमेश्वर ने अपने सबसे प्रिय पुत्र को मनुष्यों के उद्धार के लिए धरती पर भेजा. जहां प्रभु यीशु ने सबों को प्रेम व शांति का संदेश दिया और मनुष्यों को उनके पापों से मुक्ति दिलायी. बिशप स्वामी ने कहा कि मनुष्य स्वार्थवश पाप में डूब जाता है. तरह-तरह के गलत कार्य करता है. इन पापों से मुक्ति पाने का मात्र एक ही रास्ता है और यह है कि ईश्वर की शरण में चले जायें. ईश्वर चाहते हैं कि सभी प्रेम व शांति से रहें. इसके लिए ईश्वर हमें प्रेरित भी करते हैं. बिशप स्वामी ने कहा कि संत अन्ना धर्म समाज की धर्मबहनों के लिए संत अन्ना संरक्षक संत हैं.
इनके माध्यम से माता मरियम और माता मरियम के माध्यम से प्रभु यीशु का जन्म हुआ. संत अन्ना और जोवाकिम धार्मिक, दयालु व शांतिप्रिय थे. वे आज भी हमारे दिलों में हैं और दुनिया के अंत तक उनका नाम रहेगा.
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