गुमला : भारत के सुप्रसिद्ध शायर इकबाल अहमद घायल फरीदी की याद में साहित्य कला संगम ने कवि गोष्ठी सह श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. गोष्ठी में शहर के जाने-माने कवियों के अतिरिक्त शहर के कई समाजसेवियों ने शिरकत की.
कार्यक्रम का शुभारंभ में कवि आफताब अंजुम ने घायल फरीदी की गुमला से जुड़ी यादों को सबके सामने रखते हुए बताया कि मुक्तक, छंद, रुबाई में केवल भारत ही नहीं बल्कि हिंदी, उर्दू भाषी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाले शायर घायल फरीदी का लगाव गुमला से बहुत अधिक था. इस शहर के सभी कवियों को अपनी औलाद की तरह मानते थे.
गुमला शहर के अधिकतर कवि उनके मार्गदर्शन व सानिध्य को प्राप्त कर शायरी के गुर सीखा करते थे. एक अजीम नाम होने के बावजूद घायल फरीदी ने गुमला की छोटी-छोटी गोष्ठियों में भी शिरकत की है. उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर 2019 को जनाब घायल फरीदी भौतिकवादी संसार को त्याग कर दायमी संसार में चले गये. कवि गोष्ठी में काव्य पाठ किया गया. काव्य पाठ का आरंभ रिजवान असदकी ने देश प्रेम पर आधारित अपनी एक रचना के साथ की.
उनकी रचना को श्रोताओं ने खूब पसंद किया. अफरोज सागर ने अपनी रचनाओं में जिंदगी के उतार-चढ़ाव को बखूबी दर्शाया. उनकी रचना पर जोरदार तालियां बजी. हाफिज गुलाम गौस कमर गयावी ने कार्यक्रम में अपने तरन्नुम से जान डाल दी. शंभु शरणम अपनी कविताओं के माध्यम से घायल फरीदी को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ अपनी रचना के स्तर का लोहा मनवाया और जबरदस्त तालियां बटोरी.
कार्यक्रम का अंत आफताब अंजुम के काव्य पाठ से किया गया. काव्य पाठ के बाद दो मिनट का मौन धारण कर घायल फरीदी को श्रद्धांजलि दी गयी. धन्यवाद ज्ञापन पदम साबू ने किया. कार्यक्रम में अशोक जायसवाल, अजय मंत्री सहित कई लोग उपस्थित थे.