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गुमला : गोदाम में पड़े-पड़े खराब हो गया सैकड़ों बोरी नमक
दुर्जय पासवान गुमला : सरकारी व्यवस्था की खामियां देखनी हो, तो गुमला के जशपुर रोड स्थित कृषि बाजार समिति चले आयें. गरीबों के बीच बांटने के लिए मंगाये गये नमक की सैकड़ों बोरियां यहां गोदाम और टूटे शेड के नीचे यूं ही पड़ी हैं. खुले में रखा नमक धूप और धूल की वजह से खराब […]
दुर्जय पासवान
गुमला : सरकारी व्यवस्था की खामियां देखनी हो, तो गुमला के जशपुर रोड स्थित कृषि बाजार समिति चले आयें. गरीबों के बीच बांटने के लिए मंगाये गये नमक की सैकड़ों बोरियां यहां गोदाम और टूटे शेड के नीचे यूं ही पड़ी हैं.
खुले में रखा नमक धूप और धूल की वजह से खराब हो रहा है. लेकिन संबंधित विभाग या अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक झारखंड नमक (फ्री फ्लो रिफाइंड आयरन फोरटिफाइड आयोडिन युक्त) की सैकड़ों बोरियां वर्ष 2008 से पड़ी हुई हैं. वहीं, तुलसी नमक की भी सैकड़ों बोरियां रखी हैं, जिन्हें करीब छह माह पहले मंगाया गया था.इस नमक को राशन कार्डधारियों के बीच बांटना था.
झारखंड नमक की कीमत प्रति पैकेट एक रुपये है, जबकि तुलसी नमक की कीमत प्रति पैकेट 25 पैसे है. यह दोनों नमक सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं. यह हिमोग्लोबिन व आयरन बनाने का काम करता है, लेकिन गुमला प्रशासन की लापरवाही के कारण नमक के पैकेट को गरीबों के घर तक नहीं पहुंचाया गया.
नमक के रखरखाव को लेकर बरती जा रही लापरवाही : जानकारी के अनुसार, राज्य खाद्य निगम ने कृषि बाजार समिति गुमला में 500 मिट्रिक टन की क्षमता में सामग्री रखने के लिए गोदाम लिया है. निगम ने बीपीएल व अंत्योदय राशन कार्डधारियों के बीच बांटने के लिए मंगाये गये नमक को इसी गोदाम में रखा. लेकिन जब नमक गोदाम में नहीं समा पाया, तो उसे कृषि बाजार समिति के दूसरे गोदाम में रखा दिया. वह गोदाम भी भर गया, तो टूटे-फूटे बाजार शेड में नमक की बोरियों का ढेर लगा दिया गया. लेकिन इनके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया.
राज्य खाद्य निगम ने गोदाम भाड़े पर लिया है. निगम द्वारा ही नमक को रखा गया है. शटर खराब है, जिस कारण नमक खुले में है. शेड में भी खुले स्थान पर नमक रख दिया गया, जो खराब हो गया है.
उर्मिला, पर्यवेक्षक, कृषि बाजार समिति, गुमला
नमक को सुरक्षित स्थान पर नहीं रखने के कारण यह बेकार व जहरीला हो गया है. इसका उपयोग लोगों की सेहत खराब कर सकता है. नमक को इस प्रकार रखने व नहीं बांटने वाले अधिकारी पर कार्रवाई हो.
रमेश कुमार, पूर्व अध्यक्ष, चेंबर ऑफ काॅमर्स
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