गुमला : विद्यालय कोई दुकान नहीं है, जहां से हम शिक्षा खरीद सके. यह शिक्षा का वह स्थान है, जहां बच्चे हर वह चीज सीखते हैं, जिससे वे एक बेहतर इंसान बन सके. ये बातें गुमला धर्मप्रांत के बिशप पौल अलविस लकड़ा ने कही.
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विद्यालय कोई दुकान नहीं, जहां से शिक्षा खरीदी जा सके : बिशप
गुमला : विद्यालय कोई दुकान नहीं है, जहां से हम शिक्षा खरीद सके. यह शिक्षा का वह स्थान है, जहां बच्चे हर वह चीज सीखते हैं, जिससे वे एक बेहतर इंसान बन सके. ये बातें गुमला धर्मप्रांत के बिशप पौल अलविस लकड़ा ने कही. वे संत पात्रिक स्कूल गुमला में आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि […]
वे संत पात्रिक स्कूल गुमला में आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. बिशप ने कहा कि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं. बच्चों में प्रतिभा कूट कूट कर भरी हुई है. उनमें कुछ करने की जिज्ञासा है. जरूरत है, बच्चों की प्रतिभा को समझने की.
उन्हें बेहतर प्लेटफार्म देने की. संत पात्रिक स्कूल गुमला के बच्चे हर क्षेत्र में बेहतर कर रहे हैं. इसका मतलब है, यहां जो शिक्षा दी जा रही है, वह बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए है. मैं बच्चों से कहूंगा कि आप निरंतर बेहतर करने का प्रयास करें. बिशप ने बच्चों को अंग्रेजी भाषा के महत्व की जानकारी दी.
साथ ही अपने जीवन से जुड़ी एक कहानी भी बतायी. इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ बिशप, एचएम के अलावा चेंबर के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष महेश कुमार लाल, सिस्टर अर्चना, कैथोलिक संघ गुमला के अध्यक्ष सेत कुमार एक्का ने संयुक्त रूप से किया. स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया. धन्यवाद ज्ञापन सिस्टर दीपा ने किया.
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