प्रशासन से गुहार के बाद भी नहीं मिल रहा आर्थिक सहयोग
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कॉमर्स की स्टेट टॉपर की पढ़ाई में आड़े आ रही है आर्थिक तंगी
प्रशासन से गुहार के बाद भी नहीं मिल रहा आर्थिक सहयोग घाघरा प्रखंड की रहने वाली है अमीष, पिता कपड़ा बेच कर परिवार चला रहे हैं गुमला : सरकार का नारा है, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ. बेटी पढ़ाओ के सरकार के नारे को घाघरा प्रखंड की अमीषा कुमारी ने अपनी मेहनत के बूते सही कर […]
घाघरा प्रखंड की रहने वाली है अमीष, पिता कपड़ा बेच कर परिवार चला रहे हैं
गुमला : सरकार का नारा है, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ. बेटी पढ़ाओ के सरकार के नारे को घाघरा प्रखंड की अमीषा कुमारी ने अपनी मेहनत के बूते सही कर दिखाया है. उसने मेहनत की. खूब पढ़ी. उसकी मेहनत का फल है कि इस वर्ष वह इंटर कॉमर्स में स्टेट टॉपर रही है. वह यूसी बालिका हाई स्कूल रांची से परीक्षा में शामिल हुई थी और पूरे राज्य में सबसे अधिक अंक प्राप्त कर स्टेट की टॉपर बनी.
राज्य के साथ गुमला का भी नाम रोशन किया. एक छोटे से क्षेत्र की बेटी ने बुलंदी को छू ली, लेकिन आज उसके आगे की पढ़ाई पर सवाल खड़ा हो गया. अमीषा पढ़ना चाहती है. कुछ बनना चाहती है, लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए उसके माता-पिता के पास पैसे नहीं है.
उसके पिता शंभु प्रसाद कपड़ा के खुदरा व्यापारी हैं. जो साप्ताहिक हाटों में दुकान लगा कर किसी प्रकार घर-परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. बेटी आगे पढ़ना चाहती है. नामांकन में 45 से 50 हजार रुपये की जरूरत है, परंतु बेटी के नामांकन के लिए गरीब पिता के पास इतने पैसे नहीं है, जिस कारण अमीषा के आगे की पढ़ाई में परेशानी हो रही है.
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