23.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

गुमला : नक्सलियों द्वारा लैंड माइंस बिछाने का था डर, इसलिए 12 किमी पैदल चलकर बूथ पहुंची पोलिंग पार्टी

दुर्जय पासवान, गुमला नक्सलियों द्वारा रास्ते में लैंड माइंस बिछाने का डर था. इसलिए पोलिंग पार्टी को 12 किमी पैदल चलाकर बूथ पहुंचाया गया. बिहड़ जंगल, पहाड़ी रास्ता व पगडंडी से होकर पोलिंग पार्टी बूथ पहुंची थी. हम बात कर रहे हैं खूंटी संसदीय सीट के पालकोट प्रखंड स्थित डहूपानी पंचायत के बूथ का. इसी […]

दुर्जय पासवान, गुमला

नक्सलियों द्वारा रास्ते में लैंड माइंस बिछाने का डर था. इसलिए पोलिंग पार्टी को 12 किमी पैदल चलाकर बूथ पहुंचाया गया. बिहड़ जंगल, पहाड़ी रास्ता व पगडंडी से होकर पोलिंग पार्टी बूथ पहुंची थी. हम बात कर रहे हैं खूंटी संसदीय सीट के पालकोट प्रखंड स्थित डहूपानी पंचायत के बूथ का. इसी पंचायत के डहूपानी स्कूल में 36 नंबर बूथ था. इस बूथ में पारा मिलिट्री फोर्स की सुरक्षा में मतदान हुआ.

बूथ के चारो ओर हथियार पकड़े सेना के जवान थे. बूथ से आधा व एक किमी की दूरी पर भी फोर्स सुरक्षा में तैनात थी. बूथ की सुरक्षा का नेतृत्व गुमला थाना के एएसआई राजेश सिंह कर रहे थे. वहीं पीठासीन पदाधिकारी अनुरंजन डुंगडुंग, पोलिंग पार्टी अलबर्ट गुड़िया, सुभिक कुमार गोस्वामी व धर्मजय बैठा ने मतदान कराया.

पीठासीन पदाधिकारी ने बताया : हमारा कलस्टर लोटवा स्कूल को बनाया गया है. डहूपानी बूथ व लोटवा कलस्टर की दूरी करीब 12 किमी है. यह पूरा इलाका नक्सल है. इस कारण सुरक्षा के दृष्टिकोण से वाहन की जगह पैदल चलकर बूथ पहुंचे. निकलने से पहले डर था. लेकिन जब बूथ पहुंचे तो डर खत्म हो गया.

उन्‍होंने कहा कि सुबह चार बजे कलस्टर से बूथ के लिए रवाना हुए. करीब साढ़े छह बजे बूथ पहुंचे. जहां मतदान की तैयारी करते हुए सात बज गये. करीब सवा सात बजे मतदान शुरू किया. तबतक काफी संख्या में वोटर कतार में खड़े हो गये थे. डहूपानी बूथ में 915 वोटर है. जिसमें पुरुष 458 व महिला वोटर 457 है. दिन के 10 बजे तक 164 वोट पड़ गया था. जबकि कतार में 300 से अधिक वोटर खड़े थे.

पीठासीन पदाधिकारी के अनुसार दिन के दो बजे तक 50 प्रतिशत से अधिक मतदान की उम्‍मीद थी. पीठासीन पदाधिकारी ने कहा कि गांव में शुद्ध पानी नहीं है. चुआं का पानी सिनटेक्स में भर कर रखा हुआ था. तेज गर्मी के कारण सूखते कंठ को तर करने के लिए चुआं के जमा पानी को पीकर प्यास बुझा रहे थे.

इधर, जैसा ग्रामीणों ने कहा : कभी-कभार भाकपा माओवादी बरसात में इसी स्कूल में आश्रय लेते हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर इसी स्कूल में बूथ बनाया गया था. इस बूथ में वोट कराना चुनौती माना जाता है. लेकिन प्रशासन की रणनीति के आगे नक्सली खौफ दरकिनार हो गया. सोमवार की सुबह साढ़े छह बजे से ही वोटर बूथ में कतार लगाकर खड़े हो गये थे.

कई गांव के वोटरों को बूथ तक पहुंचने के लिए चार से पांच किमी की दूरी तय करनी पड़ी. रास्ता भी नहीं था. पगडंडी व जंगली रास्तों से होकर लोग बूथ पहुंचे. अपने गांवों के विकास के लिए वोटरों ने वोट डाला. वोट डालने में वृद्ध महिला व पुरुष वोटर सबसे आगे थे. बूथ में युवा वोटरों की संख्या कम देखी गयी.

लोगों से पूछने पर पता चला. कई युवक पढ़ने के लिए दूसरे जिले चले गये हैं. कुछ युवक-युवती गांव में काम नहीं रहने के कारण पलायन कर गये हैं. इधर, प्रभात खबर सुबह नौ बजे से दिन के साढ़े 10 बजे तक बूथ में रही. इस दौरान कई ग्रामीणों से बात की. लोगों ने जिस प्रकार गांव की दर्दभरी कहानी सुनायी. अगर कोई अनजान व्यक्ति इस गांव में घुसे तो खो जायेगा.

डहूपानी भयावह जगह से कम नहीं है. यही वजह है कि यहां नक्सली अपना सेफ जोन बनाकर रहते रहे हैं. हालांकि डहूपानी पंचायत के बोराडीह जंगल में 11 सितंबर 2016 को पुलिस ने 25 लाख रुपये के इनामी नक्सली सैक सदस्य आशीष यादव उर्फ आशीष दा को मुठभेड़ में मारा गया था. लेकिन ग्रामीण बताते हैं, अभी भी इस क्षेत्र में नक्सलियों की आवाजाही है.

हेलीकॉप्टर का उपयोग करना चाहिए

डहूपानी बूथ के मतदानकर्मी ने कहा कि डहूपानी पंचायत का यह बूथ काफी खतरनाक है. यहां गाड़ी या पैदल पहुंचना बड़ा मुश्किल है. जिस प्रकार रास्ते में समस्या झेली है. इसे बयां नहीं कर सकते हैं. प्रशासन को चाहिए कि ऐसे बूथ में पोलिंग पार्टी को पहुंचाने के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करें. क्योंकि हर समय यहां इस प्रकार मतदान कराना सुरक्षित नहीं है. प्रशासन को इस बूथ पर ध्यान देने की जरूरत है.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें