दुर्जय पासवान, गुमला
लोहरदगा संसदीय सीट के लिए नामांकन के चौथे दिन शनिवार को दो प्रत्याशियों ने निर्वाची पदाधिकारी सह गुमला उपायुक्त शशि रंजन के समक्ष नामांकन प्रपत्र दाखिल किया. झापा के देवकुमार धान ने अपने प्रस्तावक झापा के केंद्रीय प्रधान सचिव अशोक कुमार भगत, पूर्व मंत्री सधनू भगत, महावीर उरांव, मगही उरांव के साथ नामांकन किये.
वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी सनिया उरांव ने अपने प्रस्तावक राजेंद्र उरांव, हरिशचंद्र उरांव, तेतला उरांव व समर्थक जोन मीरन मुंडा के साथ नामांकन पत्र दाखिल किया. प्रत्याशियों द्वारा नामांकन प्रपत्र दाखिल करने के बाद निर्वाची पदाधिकारी ने दोनों प्रत्याशियों को 10 अप्रैल को स्क्रूटनी के बारे में जानकारी दी और समय पर स्क्रूटनी में उपस्थित होने की बात कही.
शनिवार को नामांकन का चौथा दिन था. शुभ मुहूर्त नहीं मानते हुए कई प्रत्याशी नामांकन करने नहीं पहुंचे. अब सभी प्रत्याशी नौ अप्रैल को नामांकन करने आयेंगे. इसमें कांग्रेस के प्रत्याशी सुखदेव भगत भी हैं. हालांकि, शनिवार होने के बावजूद झापा के देवकुमार धान व निर्दलीय सनिया उरांव ने नामांकन किया. देवकुमार जहां गाजे-बाजे के साथ पहुंचे. वहीं सनिया उरांव अर्द्धनग्न अवस्था में पहुंचे. सनिया के समर्थक भी अधूरा कपड़ा पहने हुए थे.
गरीब व शोषितों के हक व अधिकार के लिए लड़ेंगे : देवकुमार
झापा प्रत्याशी देवकुमार धान गाजे-बाजे के साथ अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ नामांकन करने पहुंचे थे. श्री धान ने कहा कि आदिवासियों द्वारा सरना कोड की मांग काफी पुरानी है. जो अब तक मांग ही बनी हुई है. राज्य की स्थानीय नीति ठीक नहीं है. किसानों को उनके उत्पादित फसल का सही मूल्य नहीं मिल रहा. देश के अलग-अलग राज्य में अलग-अलग शिक्षा नीति है. चुनाव जीतने के बाद प्राथमिकता के साथ ऐसे समस्याओं का निराकरण करेंगे. गरीबों और शोषितों के हक व अधिकार के लिए लड़ेंगे.
सांसद करोड़पति बनें, परंतु किसान-मजदूरों की स्थिति नहीं सुधरी : सनिया
निर्दलीय प्रत्याशी सनिया उरांव नंग-धड़ंग रूप में अपने प्रस्तावकों व समर्थकों के साथ नामांकन प्रपत्र दाखिल करने पहुंचे थे. गुमला जिले के इतिहास में पहली बार कोई प्रत्याशी इस प्रकार से नामांकन दाखिल करने पहुंचा. उन्होंने कहा कि यहां अनेकों सांसद आये. सबों ने अपनी झोली भरने का काम किया. सांसद करोड़पति भी हो गये. परंतु हमारे क्षेत्र के मजदूरों व किसानों की स्थिति नहीं सुधरी. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद किसानों व मजदूरों के हक व अधिकार के लिए संसद में आवाज उठायेंगे.