दुर्जय पासवान@गुमला
गुमला जिला अंतर्गत कामडारा प्रखंड स्थित पकरा गांव के ग्रामीण अंधविश्वासी हो गये हैं. मौत से बचने के लिए झाड़फूंक करा रहे हैं. शरीर से जहर उतारने के लिए पीठ में कासा की थाली चिपका रहे हैं. गांव में ओझागुणी करने वाले यह सब खेल कर रहे हैं. दरअसल हुआ यूं कि एक सप्ताह पहले गांव के दो लोगों की मौत पागल कुत्ता के काटने से हो गयी थी. इस घटना के बाद लोग अंधविश्वास में फंस गये हैं.
गांव के लोगों का कहना है कि हर घर के किसी न किसी सदस्य को बेचैनी और नींद आ रही है. गांव में जगह-जगह पाहन, पुजार बैठकर कासा की थाली को लोगों के पीठ में सटा कर चेक कर रहे हैं. उनलोगों का कहना है कि शरीर पर थाली चिपक जा रहा है तो लोगों के शरीर में विष है. उसे थाली में बालू डाल कर झाड़ा जा रहा है.
वहीं सुनीता सुरीन, उषारानी बारला, सुनीता देवी, सुमन तोपनो, कल्याण तोपनो का कहना है कि कुत्ता काटने से मरे दो लोगों के दाह संस्कार के बाद से ऐसा हो रहा है. जिसके कारण से गण में बीमारी आ गई है. बीमारी हटाने के लिए आसपास के पाहन लोग झाड़फूंक कर रहे हैं. इधर, इसकी सूचना मिलते ही कामडारा सीएचसी के डॉक्टर मो तारीक अनवर ने मेडिकल टीम के साथ पकरा गांव पहुंचकर दो सौ लोगों की स्वास्थ्य जांच कर इलाज किया.
सभी को सामान्य पाया गया. हालांकि दवा का वितरण कर दिया गया है. इस बाबत डॉ तारीक अनवर का कहना है कि पागल कुत्ता के काटने से समय रहते इलाज होनी चाहिए. इलाज नहीं होने पर जान भी जा सकती है. अंधविश्वास के कारण ही लोगों में भ्रम हो गया है.

