पीड़िता के परिवार वालों से मिली, सरकार से पीड़ित परिवार को दस लाख मुआवजा देने की मांग संवाददाता, गोड्डा. सुंदरपहाडी थाना क्षेत्र में किशोरी से गैंगेरप के मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी पीड़िता के गांव पहुंचीं. उन्होंने ने पीड़िता व उसके परिजनों से घटना की जानकारी ली. पीड़िता की मां व बुआ ने हरेक बातों से सदस्य को अवगत कराया. सदस्य ममता ने इस पूरी घटनाक्रम की रिपोर्ट सरकार व आयोग के अध्यक्ष के समक्ष रखने की बात कही. उन्होंने बताया कि जिस तरह से पीड़िता ने अपनी आपबीती बतायी है, इस मामले में दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर भी अविलंब कार्रवाई होनी चाहिए. सुनसान रास्तों से आठ किमी पैदल चलकर थाना पहुंची पीड़िता, व्यवस्था पर सवाल सुंदरपहाड़ी सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने बताया कि घटना के बाद शुक्रवार की रात वह अपनी मां के साथ आठ किलोमीटर पैदल चलकर थाना पहुंची थी. उस रात वह थाना में ही रही, लेकिन गांव में चौकीदार तक मौजूद नहीं था और किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी. पीड़िता आठवीं कक्षा तक पढ़ी है, लेकिन सड़क सुविधा के अभाव में आगे की पढ़ाई नहीं कर सकी. पीड़िता लंबे समय से रक्तहीनता की बीमारी से जूझ रही है और लगातार दवा ले रही है. उसके पिता का निधन बचपन में ही हो गया था, जबकि मां के नाम अब तक न तो आयुष्मान कार्ड बना है और न ही उन्हें आवास योजना का लाभ मिला है. राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी ने बताया कि सुंदरपहाड़ी में एक भी महिला पुलिसकर्मी नहीं है, केवल एक चौकीदार तैनात है. यह जानकारी मौके पर मौजूद पुलिस पदाधिकारी ने दी. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि पीड़िता को दस लाख रुपये मुआवजा दिया जाए और सुंदरपहाड़ी की पुलिस व्यवस्था को तुरंत दुरुस्त किया जाए. वार्ता के दौरान प्रमंडलीय नेता रविंद्र टूडू, सुभाष यादव और आशीष यादव भी उपस्थित थे.
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