पथरगामा प्रखंड के लखनपहाड़ी पंचायत अंतर्गत प्राचीन दुर्गा मंदिर, बारकोप में जिउतिया पर्व के अवसर पर वर्षों से चली आ रही परंपरा के तहत मां दुर्गा के मस्तक की पूजा राज परिवार की महिलाओं द्वारा विधि-विधान से संपन्न की गयी. राज परिवार के वंशजों ने बताया कि यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है, जिसमें जिउतिया पर्व के दिन पीतल की थाली में मां दुर्गा के मस्तक को रखकर फूल, अक्षत, खीर, पकवान और मिठाइयों के साथ पूजा की जाती है. इस पूजा के बाद दुर्गा प्रतिमा निर्माण पूर्ण होते ही पूजित मस्तक को विधिपूर्वक प्रतिमा में स्थापित किया जाता है. बारकोप दुर्गा मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन और गौरवशाली रहा है. यहां सप्तमी तिथि को विशेष बेलभरण पूजन होता है, जिसमें हजारों ग्रामीण महिलाएं सम्मिलित होती हैं. राज परिवार के वंशज आज भी पारंपरिक विधि से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर इस अनूठी सांस्कृतिक विरासत को सहेजे हुए हैं. वर्तमान में दुर्गा पूजा की तैयारियां राज परिवार द्वारा युद्धस्तर पर की जा रही हैं, ताकि पुरखों की परंपरा को पूरी श्रद्धा और भव्यता से निभाया जा सके.
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