गोड्डा सदर अस्पताल में मारपीट व तोड़फोड़ की घटना से प्रशासन ने सबक ले लिया है. इस बार सदर अस्पताल में हुई मारपीट व तोड़फोड़ की घटना को देखते हुए दूसरे ही दिन जिला प्रशासन के अधिकारी व सदर अस्पताल की टीम ने पुलिस पिकेट के लिए सदर अस्पताल में निरीक्षण कर उचित स्थान का चयन कर लिया गया है. सदर अस्पताल के पुराने बिल्डिंग में पुलिस पिकेट बनाया जाएगा. पहले इसमें ड्रेसिंग का काम किया जाता था. हालांकि कुछ दिनों से यह कमरा बंद था. इसमें साफ-सुथरा व बेहतर तरीके से रखरखाव के बाद पुलिस पिकेट का रूप दे दिया जाएगा, ताकि इसमें पुलिस कर्मी रह सकें और अस्पताल में किसी अप्रिय वारदात को राेकने में अपनी भूमिका निभा सकें. हालांकि यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि कितने पुलिस कर्मी की प्रतिनियुक्ति होगी. जगह चयन को लेकर एसडीओ बैजनाथ उरांव सहित सिविल सर्जन, नगर थानेदार व अस्पताल मैनेजर मोनाली राय द्वारा निरीक्षण कर जानकारी जुटायी गयी. इसमें अब पुलिस कर्मियों के रहने की जगह आवंटित करा दी गयी है.
पहले भी दो पुलिस पदाधिकारियों की हुई थी प्रतिनियुक्ति, लेकिन नहीं मिली थी जगह
जिस काम को आज किया गया है, उसे पूर्व एसपी नाथु सिंह मीणा द्वारा पहले ही किया गया था. एसपी नाथू सिंह मीणा ने नगर थाना में पदस्थापित दो एएसआइ रैंक के पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति केवल सदर अस्पताल के लिए ही की थी. इसका कारण था कि कई लोग घटना में मौत होने के बाद शव को बगैर किसी की अनुमति से घर ले जाते थे. रोकटोक नहीं हो पाती थी. अस्पताल प्रबंधन उस समय मौन हो जाता था. इसका ठिकरा एक-दूसरे पर फोड़ा जाता था. इसलिए इस प्रकार के मामले को रोकने के लिए पुलिस पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया था. कई बार चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ से झड़प तक हो जाती थी. तभी भी उन पुलिसकर्मियों को जगह आवंटित कराये जाने के लिए अस्पताल प्रशासन को लिखा गया था. लेकिन दुर्भाग्य देखिये कि उस समय जगह आवंटित करना तो दूर, कहां बैठेंगें, इसका भी उचित प्रबंध नहीं किया गया था. ऐसे में पुलिस कर्मियों को यत्र-तत्र बैठकर जानकारी जुटानी पड़ती थी. अब जब तीन दिन पहले सदर अस्पताल में मारपीट व तोड़फोड़ किया गया है, तो जिला प्रशासन के साथ-साथ अस्पताल प्रशासन की भी नींद टूटी है. सबों ने मिलकर पुलिस पिकेट बनाये जाने की पहल की है. इस पर काम करने का निर्देश दे दिया गया है. पुलिस पिकेट बन जाने से कम से कम आने वाले दिनों में तीन दिन पहले हुए मारपीट व तोड़फोड़ की घटना की संभवत: पुनरावृति होने की गुंजाइश कम होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है