ठाकुरगंगटी प्रखंड के हरिदेवी रेफरल अस्पताल में पेयजल संकट गहरा गया है. सुदूर वर्ती इलाके में अवस्थित एक मात्र अस्पताल जिसे हरिदेवी रेफरल अस्पताल के नाम से जाना जाता है. अस्पताल में सुविधाओं का टोटा लगा हुआ है. इस भीषण गर्मी में पीने के पानी की उचित व्यवस्था इस परिसर में उपलब्ध नहीं है. पूरे परिसर में एक मात्र चापाकल है, जो विगत एक सप्ताह से खराब होकर सिर्फ शोभा की वस्तु बन गयी है. जिसका अस्पताल में आने जाने वालों के बीच कोई उपयोग नहीं है. बताया जाता है कि यहां सीमावर्ती इलाकों के साथ-साथ साहिबगंज जिले से भी बड़ी संख्या में रोगी आते है, जो प्रतिदिन ओपीडी में रोगियों की संख्या सैकड़ों से ज्यादा रहती है. इमर्जेंसी सेवा अलग है. इसके अलावे कार्यरत कर्मियों की संख्या लगभग 50 से ज्यादा है. सभी लोग इन दिनों पीने के पानी को लेकर अस्पताल परिसर में चापाकल को इधर उधर ढूंढते है कि पानी किस कोने से मिलेगी. इसके बावजूद लोग निराश होकर दुकान से खरीद कर पानी पीने को मजबूर हो रहे है. बताते चले कि यह अस्पताल काफी सुदूर वर्ती इलाके में अवस्थित है, जो सुविधाओं का टोटा झेल रहा है. आज भी इस अस्पताल को संपूर्ण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा प्राप्त नहीं हो पाया है ना तो आमलोगों के लिए सामुदायिक शौचालय ही है ना ही पेयजल की समुचित व्यवस्था है.
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया फंट का अभाव
इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि अस्पताल को अपना फंड का अभाव है. कई बार प्रखंड की बैठक में पेयजल की समुचित व्यवस्था की मांग को लेकर जलमीनार की मांग की गयी. इसके साथ शौचालय की भी मांग की गयी, जिसकी आज तक पहल नहीं की गयी. फिलहाल तो गर्मी के मौसम के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. विभाग को मामले से अवगत कराया गया है. आने-जाने वाले मरीजों के साथ साथ एक-एक कर्मी को परेशानी झेलनी पड़ रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है