झारखंड राज्य आउट सोर्सिंग कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के आह्वान पर हरिदेवी रेफरल अस्पताल के कर्मियों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है. लोग अपनी मांगों को लेकर अब प्रदर्शन की राह पर उतर गये हैं. पहले तो लोगों ने काला बिल्ला लगाकर अपने-अपने कार्यों का निष्पादन किया और अब आंदोलन की रूप रेखा को वृहत रूप देने में जुट गये हैं. जानकारी देते हुए आउट सोर्सिंग कंपनी के मिथुन कुमार यादव ने बताया कि तीन दिनों तक विरोध में रहते हुए अस्पताल का अन्य कार्यों को पूरा किया गया. इसके बावजूद भी सरकार की नींद नहीं खुली. जिले में धरना प्रदर्शन के बाद आंदोलन को और भी तेज कर दिया जाएगा. सभी छोटे वर्ग के कर्मचारी हैं, जो लगातार अपनी कार्यों के प्रति गंभीर है. इसके बावजूद भी राज्य सरकार उनलोगों को कार्य के अनुरूप सुविधा व्यवस्था उपलब्ध नहीं करा रही हैस, जिससे भरन पोषण तक नहीं हो पाता है. दूसरी ओर महंगाई आसमान छू रही है. आज भी सभी कार्यरत कर्मी अपने आप को सरकारी सुविधा से कोसों दूर महसूस कर रहे है. यहां कार्यरत कुल 23 कर्मी है, जिन्हें की अन्य मांगों की जरूरत है. पूर्व में काला बिल्ला लगाकर सरकार तक अपनी मांगों को लेकर आवाज पहुंचाने का काम किया गया. इसके बावजूद अगर मांगें पूरी नहीं होती है, तो सभी संघ के आह्वान पर उग्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर सड़कों पर प्रदर्शन करने को बाध्य हो जाएंगे. बताते चलें कि आउट सोर्सिंग कर्मचारी के उग्र आंदोलन को लेकर अस्पताल की विधि व्यवस्था काफी चरमरा गयी है. इसमें कार्यरत हर वर्ग के कर्मी हैं, जिन पर की आउट डोर से लेकर सफाई तक की जिम्मेदारी निर्भर है. वर्तमान समय में इन दिनों अन्य कार्य बाधित हो रही है. इस मामले में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सुभाष चंद्र शर्मा से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अस्पताल का सारा कार्य इन्हीं लोगों पर निर्भर था. फिलहाल तो परेशानी हो रही है. इनकी मांगें जायज है. मांग को पूरा करते हुए पुनः कार्य करने पर सरकार को पहल कराने की दिशा में पहल करनी चाहिए.
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