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एक पशु चिकित्सक के भरोसे लाखों मवेशियों के इलाज का भार

झोलाछाप मवेशी डॉक्टर का सहारा लेना पड़ता है

पोड़ैयाहाट प्रखंड क्षेत्र के पशुपालक एक पशु चिकित्सक के भरोसे अपने पशुओं का इलाज करा रहे हैं. पोड़ैयाहाट में मात्र एक पशु चिकित्सक डॉ सुषमा कुमारी है, जो पशुओं का इलाज करती हैं. वहीं पोड़ैयाहाट में चिकित्सक के रिक्त पदों की संख्या चार है, जिसमें देवडांड़ एवं डांडै़ में तो अनुसेवक के भरोसे ही अस्पताल संचालित है. दोनों अस्पतालों में एक भी चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति नहीं हुई है. ग्रामीण सुंदर लाल दास, बबलू किस्कू, रविकांत झा, मनोज यादव सहित अन्य लोगों ने बताया कि झोलाछाप मवेशी डॉक्टर का सहारा लेना पड़ता है. इसमें ज्यादा खर्च भी पड़ता है. जानकारी के अनुसार पोड़ैयाहाट प्रखंड क्षेत्र में लगभग एक लाख पशुपालक हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पश्चिमी क्षेत्र में मवेशी का पालन करते हैं.

क्या कहते हैं ग्रामीण

चिकित्सक नहीं रहने से पूर्वी क्षेत्रों में पशुपालकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. लोगों को झोलाछाप का सहारा लेना पड़ता है, जो कभी-कभी जानलेवा साबित हो जाता है.

विक्रम यादव, ग्रामीण पसय

पोड़ैयाहाट पूरा प्रखंड आबादी के हिसाब से एक चिकित्सक से काम नहीं चल रहा है. पूर्वी क्षेत्रों में चिकित्सक की जरूरत है. देवडांड़ पशु चिकित्सा के कार्यालय में एक और चिकित्सक होना अनिवार्य है.

-नीलांबर कुमार, ग्रामीण गोविंदपुर

चिकित्सक के अभाव की वजह से समय-समय पर गांव में टीकाकरण नहीं हो पाता है. इसलिए चिकित्सकों की संख्या बढ़ायी जाये, ताकि मवेशी पालकों को सुविधा हो. चिकित्सक की तैनाती होनी चाहिए.

-छेदी कुमार रावत, मुखिया द्रुपद

क्या कहते हैं बीडीओ

मामले की जानकारी वरीय पदाधिकारी को दी जाएगी, ताकि आम लोगों को परेशानी ना हो.

-फुलेश्वर मुर्मू, बीडीओ पोड़ैयाहाटB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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