मालदा डिविजन के डीआरएम मनीष कुमार गुप्ता बुधवार को गोड्डा पहुंचे. गोड्डा पहुंचकर डीआरएम द्वारा रेलवे स्टेशन के समीप चल रहे कोचिंग डीपो कार्य का निरीक्षण किया गया. इस दौरान डीआरएम ने पूछे जाने पर बताया कि उनकी प्राथमिकता है कि पहले कोचिंग डीपो का निर्माण कार्य पूरा हो. बताया कि मार्च 2026 तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा, तब जाकर गोड्डा रेलवे स्टेशन से कई गाड़ियों को खोला जा सकेगा. बताया कि यहां से खुलने वाली गाड़ियों का मेटेनेंस भागलपुर कोचिंग डिपो में होता है, जहां अब ट्रेन खड़ी करने की जगह तक नहीं है. जब तक यहां कोचिंग डीपो का निर्माण कार्य नहीं कराया जाता, तब तक नयी ट्रेन खुलने पर प्रश्नचिह्न बरकरार है. बताया कि भागलपुर इस मामले में पहले से ही ओवरटर्न्ड है. ऐसे में 70-80 किमी की दूरी तय कर ट्रेन को गोड्डा से मेंटेनेंस के लिए चक्कर लगाना रेलवे के लिए नुकसानदायक हैं. इसलिए यहां कोचिंग डिपो के निर्माण कार्य का काम तेजी से कराये जाने को कहा गया है. दूसरा यह भी बताया कि गोड्डा-पीरपैंती और पाकुड़ रेलवे का काम भी प्रारंभ होगा. इस मामले में मालदा डिविजन लगातार चेंज कर रहा है. पीरपैंती से जुड़ जाने से यहां गुड्स ट्रेन की आवाजाही बढ़ जाएगी.
अमृत भारत स्टेशन का निर्माण कर रही एजेंसी व इंजीनियर को लगी फटकार
निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने अमृत भारत स्टेशन के तहत स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्य को भी देखा, जिसमें कई कमियां पायी. डीआरएम ने संबंधित एजेंसी और इंजीनियर को ठीक से काम करने को कहा. जायजा लेने के क्रम में डीआरएम ने कार्य असंतोषजनक पाया गया. लगाये गये पत्थर, निर्माण कराये गये पानी की निकासी के लिए नाला देखकर भी असंतोष जताया. कहा कि यह गलत तरीके से किया जा रहा है. रेलवे स्टेशन की दीवारों पर भी गलत तरीके से टाइल्स या पत्थर लगाये जाने के मामले में सवाल-जवाब किया. डीआरएम के साथ रेलवे के कई अधिकारी मौजूद थे. तकरीबन एक घंटे तक डीआरएम द्वारा निरीक्षण किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है