महागामा थाना क्षेत्र के कसबा स्थित उम्मूल मोमिन जामिया आयशा लिल बनात मदरसा में एक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. घटना की सीबीआई जांच की मांग को लेकर मृतक छात्रा के परिजन एवं स्थानीय ग्रामीण लगातार दूसरे दिन भी अनुमंडल कार्यालय गेट के समीप अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहे. धरना में शामिल लोगों ने हाथों में सीबीआई जांच की मांग से संबंधित तख्तियां लेकर नारेबाजी की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना को घटे तेरह दिन बीत जाने के बावजूद अब तक फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं सौंपी गयी है. उनका कहना है कि प्रशासन दबाव में काम कर रहा है और मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. धरना में शामिल मृतका के परिजन आसिफ अली, जुबैर आलम, इकराम सहित कई लोगों ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन मदरसे के खिलाफ नहीं है, बल्कि न्याय और सच्चाई की मांग को लेकर है. उन्होंने कहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला है, जिसकी सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी
धरना पर बैठे आफताब आलम ने भी दावा किया कि छात्रा की मौत सामान्य नहीं थी. उन्होंने कहा कि परिजन और ग्रामीण तब तक आंदोलन जारी रखेंगे, जब तक घटना की निष्पक्ष जांच नहीं कराई जाती और सीबीआई जांच की मांग स्वीकार नहीं की जाती. ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और अधिक उग्र रूप दिया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

