ललमटिया थाना क्षेत्र के डकैता गांव पहुंचे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य विमल उप्पल एवं संजीव कुमार ने हाल ही में कथित पुलिस एनकाउंटर में मारे गये सूर्या हांसदा के परिजनों से मुलाकात की और घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की. सूर्या की मां नीलमुनी मुर्मू और पत्नी सुशीला मुर्मू ने आयोग को बताया कि सूर्या एक सामाजिक कार्यकर्ता था और चांद भैरव आवासीय विद्यालय का संचालन करता था, जिसमें करीब 300 बच्चे पढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि सूर्या गरीबों और असहायों की आवाज बनकर लड़ता था और क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ लगातार आवाज उठाता रहा. परिजनों ने बताया कि 10 अगस्त को पुलिस ने उसे देवघर से गिरफ्तार किया और उसी रात उसकी हत्या कर दी गयी. अगले दिन पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मारे जाने की झूठी कहानी गढ़ी. नीलमुनी मुर्मू ने कहा कि एनकाउंटर स्थल पर किसी को जाने नहीं दिया गया, शव को देखने तक नहीं दिया गया और पोस्टमार्टम के बाद शव पर जलने के निशान भी मिले. परिजनों का दावा है कि सूर्या बीमार था और किसी भी हालत में भाग नहीं सकता था. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्लानिंग के तहत सूर्या की हत्या कर कहानी रची है. मानवाधिकार आयोग के सदस्यों ने कहा कि वे हर बिंदु पर गहराई से जांच कर रहे हैं और साक्ष्य भी एकत्र किये जा रहे हैं. उन्होंने आश्वस्त किया कि पूरी जांच के बाद ही सच्चाई सामने लायी जाएगी. इस घटना ने क्षेत्र में आक्रोश और सवालों का माहौल पैदा कर दिया है. परिजन और स्थानीय लोग सूर्या की मौत को लेकर निष्पक्ष न्याय और सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.
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