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पटना में गोड्डा के मनीष की मौत

आइसीयू में पावर सप्लाइ ठप, हंगामा, तोड़फोड़ पटना : अशोक राजपथ पर स्थित अरविंद हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड में गुरुवार की शाम अचानक बिजली सप्लाइ ठप होने से अफरा-तफरी मच गयी. करीब साढ़ेचार घंटे तक अस्पताल की बिजली गुल रहने से आइसीयू में भरती कु ल 15 मरीज मौत से संघर्ष करते रहे. इस बीच आइसीयू […]

आइसीयू में पावर सप्लाइ ठप, हंगामा, तोड़फोड़
पटना : अशोक राजपथ पर स्थित अरविंद हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड में गुरुवार की शाम अचानक बिजली सप्लाइ ठप होने से अफरा-तफरी मच गयी. करीब साढ़ेचार घंटे तक अस्पताल की बिजली गुल रहने से आइसीयू में भरती कु ल 15 मरीज मौत से संघर्ष करते रहे.
इस बीच आइसीयू में भरती एक मरीज मनीष चौधरी (37 वर्ष) की मौत होने पर आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में खूब हंगामा किया. परिजनों व मौजूद भीड़ ने अस्पताल के कैश काउंटर में तोड़फोड़ की, जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ वहां से भाग खड़े हुए. हंगामे के बाद देर रात अस्पताल लगभग खाली हो चुका था. परिजनों अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.
गोड्डा में फार्मासिस्ट था युवक : मनीष चौधरी झारखंड के गोड्डा निवासी डॉ एलके चौधरी का इकलौता बेटा था.
डॉ एलके चौधरी फिलहाल टीपीएस कॉलेज के समीप बैद्यनाथ आयुर्वेदिक, चिरैयाटांड़ में मैनेजर हैं. मनीष चौधरी गोड्डा सदर अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात था. बुधवार की रात करीब आठ बजे उसके लीवर में सूजन होने के कारण दर्द हो रहा था. गंभीर हालत में उसके घरवालों ने उसे अरविंद हॉस्पिटल में भरती कराया.
आइसीयू में उसका इलाज चल रहा था. डॉ एलके चौधरी के मुताबिक, गुरुवार की शाम 4:30 बजे हॉस्पिटल की बिजली सप्लाइ कट गयी थी. इसके बाद से जेनरेटर चल रहा था. शाम करीब सात बजे जेनरेटर में शॉर्ट सर्किट हो जाने से आग लग गयी और वायर जल जाने से फिर से बिजली सप्लाइ ठप हो गयी. इस दौरान एलके चौधरी पैसा लाने के लिए अपनी बेटियों के साथ घर गये थे. उनका कहना है कि हम 50 हजार रुपये खर्च कर चुके थे.
अस्पताल ने हमसे 70 हजार रुपये और मांगे थे. इसकी व्यवस्था करने के लिए हम घर गये थे. इस बीच आइसीयू से मनीष ने फोन किया कि बिजली कटी हुई है और मुङो दिक्कत हो रही. इस पर हम हॉस्पिटल पहुंचे, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. बेटे की मौत सुन कर पिता व घर के अन्य सदस्य आपे से बहार हो गये. उनका आरोप था कि बिजली सप्लाइ ठप होने से आइसीयू की सेवा ठप हो गयी थी, जिसके कारण उसकी मौत हो गयी.
इसके विरोध में वहां हंगामा हुआ. कैश काउंटर तोड़ दिया गया. भयभीत होकर वहां के डॉक्टर, कुछ मरीज व स्टाफ भाग खड़े हुए. तत्काल पुलिस को सूचना दी गयी. अस्पताल में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दिया गया. रात के 11 बजे तक वहां अफरा-तफरी का माहौल रहा. इसके बाद परिजन पीरबहोर थाने पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी है.
अस्पताल के कैशियर नीरज ने बताया कि जिस मरीज की मौत हुई है, उसे डॉक्टर ने पहले ही जवाब दे दिया था. उसके परिजनों को उसे दूसरी जगह ले जाकर इलाज कराने की सलाह दी गयी थी. उन पर काफी बकाया था.
मगर उन्होंने बिजली कटने का बहाना बना कर युवक की मौत पर खूब हंगामा मचाया. इसकी वजह से कई दूसरे मरीज भी अस्पताल छोड़ कर चले गये. जेनरेटर में शॉर्ट सर्किट की वजह से बिजली गुल हुई थी. मिस्त्री को बुलाने में समय तो लगता है.

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