झारखंड के ख्यातिप्राप्त कवि और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ ब्रजेश बर्णवाल प्रदेश या देश ही नहीं वरन विदेशों में भी हिंदी का गौरव बढ़ा रहे हैं. हाल ही में हिंदी दिवस से पूर्व उनको नेपाल के एक कार्यक्रम में विश्व हिंदी रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया है.
नेपाल की संस्था ने किया सम्मानित
बता दें कि नेपाल की संस्था ‘शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन’ की ओर से विश्व हिंदी कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इसमें सफलता के बाद हिंदी दिवस के अवसर पर नेपाल में कार्यक्रम होना था, लेकिन नेपाल में हिंसा व विवाद को देखते हुए ऑनलाइन ही सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. डॉ ब्रजेश वर्तमान में सरस्वती शिशु मंदिर, बरगंडा (गिरिडीह) में हिंदी आचार्य पद पर कार्यरत हैं. उनकी सैकड़ों रचनाएं देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं. साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें पहले भी कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं. सम्मान प्राप्त करने के बाद डॉ श्री बर्णवाल ने कहा कि हम सभी कवियों की रचनाओं का मूल्यांकन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होना गौरव की बात है. संस्था के अध्यक्ष आनंद गिरि मायालु ने सम्मानित करते हुए कहा कि डॉ. ब्रजेश बर्णवाल बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी साहित्यकार हैं. इनके लेखन में सहजता और सरलता है, साथ ही समाज को रूपांतरित करने की क्षमता भी. मंचों पर इनकी कविताएँ श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देती हैं. जल्द ही डॉ. बृजेश बर्णवाल की एक काव्य-संग्रह पुस्तक भी प्रकाशित होने वाली है. बताते चलें कि प्रतियोगिता में विश्वभर से हजारों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था, इनमें से 265 कवि-कवयित्रियों का चयन किया गया. झारखंड से केवल दो लोगों का चयन हुआ था. इनमें गिरिडीह के डॉ ब्रजेश के अलावा चतरा की डॉ सुशीला शामिल हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

