मुख्य अतिथि सह वक्ता झारखंड कॉलेज डुमरी के भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अनियंत्रित खनन, सड़क एवं परिवहन परियोजनाओं का तेज विस्तार और बढ़ता शहरीकरण अरावली पर्वत शृंखला के विनाश के प्रमुख कारण हैं. इसके दुष्परिणाम स्वरूप जलवायु परिवर्तन, जलसंकट, जैव विविधता का ह्रास और मरुस्थलीकरण जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं.
पारिस्थितिक संतुलन हुआ प्रभावित
अन्य वक्ताओं ने मानचित्रों, आंकड़ों और तथ्यों के माध्यम से बताया कि परिवहन गतिविधि और मानवीय हस्तक्षेप ने अरावली क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन को गहरायी से प्रभावित किया है. कहा कि यदि समय रहते संरक्षण के ठोस कदम नहीं उठाए गये, तो इसके परिणाम भविष्य में अत्यंत घातक सिद्ध हो सकता है. इस दौरान पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया. प्रतिभागियों ने अरावली पर्वत शृंखला के संरक्षण के लिए जन जागरूकता फैलाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार भूमिका निभाने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार मिश्रा, उप प्राचार्य यशवंत कुमार सिन्हा, परीक्षा नियंत्रक गौतम सिंह, शिक्षक प्रतिनिधि डॉ शशिभूषण, भूगोल विभागाध्यक्ष विनोद कुमार अकेला, दिव्या रानी, योगेश प्रसाद, डॉ पिंटू कुमार पांडे, डॉ उमा पांडे, डॉ मधु जायसवाल सहित काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे.
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