गावां (गिरिडीह)-गावां प्रखंड की पिहरा पूर्वी पंचायत में मंगलवार को प्रभात खबर पाठक संवाद का आयोजन किया गया. इसमें लोगों ने अपनी समस्याएं खुल कर रखीं. उन्होंने कहा कि उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं. वह वर्षों से समस्याओं के समाधान की मांग विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से कर रहे हैं, लेकिन कोई पहल नहीं हो रही है. पिहरा पूर्वी पंचायत प्रखंड मुख्यालय से 15 किमी व जिला मुख्यालय से लगभग 105 किमी की दूरी पर है. इस पंचायत की आबादी लगभग बीस हजार है, जबकि यहां लगभग 9500 से अधिक मतदाता हैं. यहां कुल 21 वार्ड बनाये गये हैं. जबकि, पंचायत समिति के लिए दो पद हैं. पंचायत में कुल गांवों की संख्या लगभग 15 है. पंचायत के लोग कई समस्याओं से त्रस्त हैं. लोगों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पंचायत में चिकित्सा व्यवस्था नहीं के बराबर है. यहां का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लगभग 12 वर्षों सें चिकित्सकों व कर्मियों के नहीं रहने से बंद पड़ा है. ग्रामीण इलाज के लिए कुछ ग्रामीण चिकित्सकों पर ही आश्रित रहते हैं. पीएचसी के बंद रहने से सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को होती है. पीएचसी के लिए भाड़े के भवन की व्यवस्था की गयी है, जबकि भवन लगभग 10वर्षों से अधूरा पड़ा है.
सड़क पर बहता है गंदा पानी
मानपुर चौक से लेकर पिहरा बाजार तक की सड़क जर्जर हो गयी है. इस पर नाली का गंदा पानी हमेशा बहता रहता है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण इस समस्या के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है. पीडब्ल्यूडी पथ से बाजार को जोड़ने वाला पथ भी काफी जर्जर हो चुका है. सड़क पर दो दशक पूर्व बनायी गयी पुलिया दुर्घटना को आमंत्रित कर रही है.
चरमरा गयी है शिक्षा व्यवस्था
पंचायत में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति बदतर है. मध्य विद्यालय पिहरा में मात्र एक शिक्षक हैं. यहां प्रथम से अष्टम तक लगभग 350 से अधिक छात्र नामांकित हैं. यहां के प्लस टू उवि में भी विषयवार शिक्षक नहीं है. अन्य विद्यालयों की स्थिति भी ऐसी ही है. सक्षम छात्र प्राइवेट विद्यालय व कोचिंग सेंटरों में अध्ययन करते हैं. वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावक अपने बच्चों को लाचारी में सरकारी विद्यालय में भेज रहे हैं.
सिंचाई के अभाव में खेत रहते हैं परती
पंचायत में सिंचाई की व्यवस्था नहीं रहने से किसानों को काफी परेशानी होती है. खरीफ फसल के उत्पादन के बाद खेत सिंचाई व्यवस्था के अभाव में परती पड़े रहते हैं. यहां गरमा फसलों की खेती नहीं के बराबर हो पाती है.
पंचायत में खेल मैदान की स्थिति भी अच्छी नहीं
पिहरा पूर्वी पंचायत में गांधी मैदान के नाम से एक खेल का मैदान है. यहां खेलकूद के अलावा जनसभा आदि का भी आयोजन होता है. वर्तमान में इसकी स्थिति काफी खराब है. जमीन उबड़-खाबड़ होने और बालू भरने से खिलाड़ियों को परेशानी होती है. लंबे समय से ग्रामीण इसके जीर्णोद्धार व मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं हुई है. ग्रामीण ओमचन्द्र गुप्ता, राम सिंह, विकास कुमार, राजेश गुप्ता, रोजन अली, धर्मेंद्र गुप्ता आदि ने इस दिशा में पहल की मांग की है.
पलायन है बहुत बड़ी समस्या
पंचायत में पलायन एक बड़ी समस्या है. सालों भर खेती नहीं होने व रोजगार के साधनों के अभाव में काफी संख्या में युवा रोजगार के लिए महानगरों पर आश्रित रहते हैं. धान की फसल कटते ही वह कोलकाता, दिल्ली, हैदराबाद समेत अन्य महानगरों में जाकर छोटी-मोटी नौकरी या मजदूरी करने पर विवश हो जाते हैं. पंचायत के हर मुहल्लों से दर्जनों की संख्या में लोग परिवार से दूर महानगरों में रहकर मेहनत मजदूरी के लिए विवश हैं.
सोलरयुक्त पानी टंकी हो गयी खराब
यहां के गांवों में पेयजल की समस्या है. तीन-चार वर्षों पूर्व यहां ग्राम पंचायत की ओर से सोलरयुक्त मिनी जलमीनार लगाया गया था, जो खराब पड़ा है. नल-जल योजना के तहत निर्माणाधीन पानी टंकी का निर्माण कच्छप गति से चल रहा है. इसके गर्मी में भी शुरू होने की संभावना कम है. गर्मी में जलस्तर के नीचे चले जाने से पेयजल का संकट काफी बढ़ जाता है. तालाब-कुआं सूखने से लोगों के अलावा पशुओं को भी परेशानी होती है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
सड़क पर लगातार नाली का पानी बहने से विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है. मानपुर चौक से पिहरा बाजार तक सड़क व नाली की मरम्मत जरूरी है. जल समस्या के निदान के लिए खराब पड़े मिनी पानी टंकी की मरम्मत विभाग को करवाना चाहिए.
पप्पू यादव, समाजसेवी, खास पिहरा
यहां विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण व्यवस्था चरमरा गयी है. मध्य विद्यालय का संचालन मात्र एक शिक्षक के भरोसे हो रहा है. प्लस टू विद्यालय में भी विषयवार शिक्षक नहीं रहने से छात्रों को परेशानी हो रही है.
शशिभूषण विश्वकर्मा, पिहरा बाजार
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बंद रहने से लोग इलाज के लिए निकटवर्ती शहरों पर आश्रित हैं. चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को पदस्थापित केंद्र को चालू करवाने पर विभाग को ध्यान देना चाहिए, ताकि लोगों को इलाज के लिए लोगों को भटकना नहीं पड़े.
संजय कुमार आजाद, व्यवसायी, मानपुर
काफी युवा रोजगार के लिए महानगर पलायन कर रहे हैं. यहां वन क्षेत्र या ढिबरा आधारित उद्योग की स्थापना कर लोगों को रोजगार देनी चाहिए, जिससे पलायन पर विराम लग सके. सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना भी जरूरी है.
योगेंद्र प्रसाद, ग्रामीण, पिहरा
क्या कहती हैं मुखिया
पिहरा पूर्वी की मुखिया आइसा परवीन ने कहा कि पंचायत स्तरीय योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है. मिनी स्टेडियम, चिकित्सकों व शिक्षकों आदि के पदस्थापन पर विभाग व सरकार को ध्यान देना चाहिए. कहा कि मानपुर चौक से लेकर पिहरा बाजार तक सड़क व नाली को ले विभाग को लिखा गया है. इसकी मरम्मत की प्रक्रिया चल रही है. शीघ्र ही सड़क व नाली का निर्माण होगा.
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