2696 क्विंटल आनाज के गबन की पुष्टि होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने को लेकर सता पक्ष से लेकर विपक्ष के लोगों ने तीखी प्रक्रिया व्यक्त की है. साथ ही दोषी कर्मियों के खिलाफ अविलंब कार्यवाई करने की मांग की है. बता दें कि बीते अक्टूबर 23 को बिरनी प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में नौनिहालों को मिलनेवाले 260 मीट्रिक टन चावल गबन होने का मामला प्रकाश में आया था. इसके बाद आजसू कार्यकर्ताओं ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया था. मामले की जांच उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर करायी गयी थी.
आज तक नहीं दर्ज की गयी प्राथमिकी
जांच में 2596 कि्वंटल चावल के गबन होने की पुष्टि जांच अधिकारियों द्वारा उजागर की गयी. जांच उजागर होने के बाद अब तक न तो दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है और न ही गबन अनाज की रिकवरी की गयी है. कार्यवाई की जगह पर दोषी प्रभारी एजीएम सह जनसेवक देवचंद्र मंडल व बाल विकास परियोजना के लेखापाल राजकुमार पासवान को दूसरी जगह तबादला कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
सांसद ने सात दिनों के अंदर कार्रवाई करने की उठायी मांग
गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी को अपने पत्रांक के तहत सात दिनों के अंदर कठोर कार्यवाई करने व कार्यवाई की प्रति उन्हें देने की मांग की है. सांसद श्री चौधरी ने संयुक्त बिहार के दौरान हुए चारा घोटाले से भी बढ़कर नौनिहालों का पोषाहार घोटाला बताया है, बावजूद कोई कार्यवाई नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है.
डीएसओ बोले- अभी रिकवरी के लिए पत्र निकाला जा रहा
जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी ने बताया कि इस मामले में चावल की राशि रिकवरी के लिए पत्र निकाला जा रहा है. जल्द ही राशि की रिकवरी की जायेगी.
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