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Giridih News: सीओ को छुड़ाने गयी पुलिस से झड़प, पथराव, लाठीचार्ज, बीडीओ, थानेदार समेत 12 से अधिक घायल

Giridih News: तिसरी अंचल कार्यालय परिसर में सोमवार को उस समय अफरातफरी मच गयी, जब किसान जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सीओ अखिलेश प्रसाद को उनके ही कार्यालय में बंद कर दिया. सूचना पर सीओ को मुक्त कराने पहुंची पुलिस जब दरवाजे पर लगा ताला खोल रही थी, तभी ग्रामीण विरोध कर दिये. विरोध ग्रामीण और पुलिस के बीच झड़प में बदल गया. देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया. दोनों ओर से लगभग डेढ़ घंटे तक पथराव होता रहा. घटना में एक दर्जन से भी ज्यादा लोग घायल हो गये. वहीं कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गये.

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हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में किसान जनता पार्टी के सदस्य रजिस्टर टू की सर्टिफाइड कॉपी की मांग काफी दिनों से कर रहे हैं. सर्टिफाइड कॉपी नहीं देने के कारण किजपा ने अंचल कार्यालय के समक्ष 20 मार्च से अनिश्चितकालीन धरना कार्यक्रम का आयोजन किया था.

किसान जनता पार्टी के कई नेता व कार्यकर्ता भी घायल

पथराव में थाना प्रभारी रंजय कुमार समेत कई पुलिस वाले और किजपा के कार्यकर्ता घायल हुए हैं. मिली जानकारी के अनुसार, तिसरी के बीडीओ मनीष कुमार को भी चोट लगी है. वहीं तिसरी थाना के एसआइ नंदजी राय, एसआइ लवकुमार राय, हवलदार शकुंतला देवी, चौकीदार राहुल यादव को भी चोट आयी है. दूसरी ओर, किसान जनता पार्टी के अवधेश सिंह, भागीरथ राय, मालती देवी, सुमनी सोरेन समेत कई लोग घायल हुए हैं. कई घायल पुलिस के खदेड़े जाने के कारण भाग गये. वहीं कई लोगों को तिसरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के बाद रेफर कर दिया गया है. कई लोगों का इलाज गिरिडीह सदर अस्पताल में कराया जा रहा है.

सीओ को बना लिया था बंधक

बताया जाता है कि पूर्वाह्न लगभग 11 बजे सीओ अखिलेश प्रसाद अपने कार्यालय पहुंचे. उनके कार्यालय पहुंचते ही किजपा के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. जैसे ही श्री प्रसाद अपने कार्यालय में बैठे, ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया. कुछ कार्यकर्ता कक्ष में घुस गये और कुछ बाहर से कार्यालय के दरवाजे पर ताला जड़ दिये. इस दौरान सीओ के साथ ग्रामीणों की नोक-झोंक होती रही. जब सीओ ने इसकी सूचना एसडीओ को दी, तो आनन-फानन में पुलिस अधिकारियों को अंचल कार्यालय भेजा गया. पुलिस के पहुंचते ही ग्रामीणों ने हो-हंगामा शुरू कर दिया और दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया.

प्रखंड कार्यालय में घुसकर पुलिस ने बचायी जान

सीओ को मुक्त कराने के दौरान लोगों का आक्रोश इस कदर भड़का कि लगभग डेढ़ घंटे तक पुलिस और ग्रामीणों के बीच पथराव होते रहा. पुलिस वालों ने स्थिति बिगड़ती देख लाठीचार्ज कर दिया. साथ ही, लोगों को खदेड़ना शुरू किया. इस दौरान भी दोनों ओर से पथराव होता रहा. पुलिसवालों ने प्रखंड कार्यालय में घुसकर अपनी जान बचायी और छत से पथराव किया.

सीओ का वाहन जलाने की कोशिश

पथराव से जहां एक ओर भगदड़ मची हुई थी, वहीं कुछ ग्रामीणों ने सीओ के सूमो वाहन को पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने की कोशिश की. पुलिस वालों ने किसी तरह आक्रोशित ग्रामीणों को खदेड़कर भगाया. पथराव में सीओ का वाहन समेत लगभग आधे दर्जन से भी ज्यादा वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं.

झारखंड हाईकोर्ट ने वर्ष 2022 में रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्टिफाइड कॉपी देने का दिया गया आदेश

झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी गिरिडीह जिले के कई अंचलों में अधिकारी रजिस्टर्ड टू की सर्टिफाइड कॉपी देने में आनाकानी की जा रही है. तिसरी में अधिकारियों की इसी मनमानी के कारण किसान जनता पार्टी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन चला रखा है. इस आंदोलन के बाद भी अधिकारियों की अनसुनी के कारण ग्रामीणों का गुस्सा सोमवार को तब भड़क गया, जब बंधक बने अंचलाधिकारी अखिलेश प्रसाद को छुड़ाने के लिए पुलिस अंचल कार्यालय पहुंची. बता दें कि जिले में रजिस्टर टू की सर्टिफाइड कॉपी प्राप्त करने के लिए ग्रामीणों ने कई अंचलों में आवेदन किया था. इसके बाद भी उन्हें सर्टिफाइड कॉपी नहीं मिल रही थी. अंतत: ग्रामीणों ने मिलकर किसान जनता पार्टी का गठन किया और सर्टिफाइड कॉपी के लिए अधिवक्ता अवधेश सिंह ने झारखंड हाइकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की. इस रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने 27 फरवरी, 2024 को आवेदकों को सर्टिफाइड कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश दिया. इसके बाद भी तिसरी, गिरिडीह और बेंगाबाद अंचल में सर्टिफाइड कॉपी देने में आनाकानी की जाती रही. किसान जनता पार्टी के लोगों का कहना है कि तिसरी अंचल में रजिस्टर टू की सर्टिफाइड कॉपी के लिए आवेदन किये हुए 13 महीना बीत चुका है और दो-दो बार शुल्क भी लिया गया. उसके बाद भी सर्टिफाइड कॉपी देने में आनाकानी की जा रही है.

चार सप्ताह के अंदर सर्टिफाइड कॉपी देने का है आदेश

अधिवक्ता अवधेश सिंह द्वारा झारखंड हाइकोर्ट में दायर किये गये डब्ल्यूपीसी संख्या 5925/2022 पर सुनवाई की गयी. सुनवाई के दौरान श्री सिंह के अधिवक्ता का कहना था कि रजिस्टर टू की सर्टिफाइड कॉपी अंचल कार्यालय देने में आनाकानी कर रहा है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है. वहीं, सरकारी पक्ष के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि याचिकाकर्ता ने उचित प्रपत्र में आवेदन नहीं किया है. यदि याचिकाकर्ता अपेक्षित दस्तावेज के साथ आवेदन जमा करता है, तो उसे सर्टिफाइड कॉपी सौंप दी जायेगी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश आनंदा सेन ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को नये और उचित प्रारूप में आवेदन करना है और निर्धारित शुल्क व अपेक्षित दस्तावेज के साथ आवेदन देना है. वहीं, प्रतिवादी ऐसे आवेदनों की प्राप्ति की तारीख से चार सप्ताह की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता को सर्टिफाइड कॉपी सौंप देंगे.

अपर समाहर्ता के आदेश की भी अनदेखी

किजपा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी कई अंचलों ने निर्धारित प्रारूप, दस्तावेज और शुल्क के साथ आवेदन किया. लेकिन उन्हें रजिस्टर टू की सर्टिफाइड कॉपी उपलब्ध नहीं करायी गयी. किजपा के नेतृत्व में ग्रामीण अपर समाहर्ता विजय सिंह बिरूआ से भी मिले. श्री बिरूआ ने जिले के सभी अंचलाधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि वादी से विहित प्रपत्र में राजस्व शुल्क के साथ पंजी टू के प्रत्येक पृष्ठ के लिए अलग-अलग आवेदन प्राप्त करते हुए प्रत्येक पृष्ठ के सत्यापन हेतु विहित शुल्क प्राप्त कर सर्टिफाइड कॉपी उपलब्ध कराने की कार्रवाई करें, लेकिन इसके बाद भी कई अंचलों में मनमानी जारी है और सर्टिफाइड कॉपी देने में आनाकानी की जा रही है.

कोर्ट के आदेश को भी नहीं मानते अधिकारी : अवधेश

इधर किसान जनता पार्टी के केंद्रीय कमेटी के अध्यक्ष व अधिवक्ता अवधेश सिंह का कहना है कि कोर्ट के आदेश को भी जिले के कई अधिकारी नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने कई अंचलों में आवेदन दिया. लेकिन वैसे अंचल के कार्यालय द्वारा रजिस्टर टू की सर्टिफाइड कॉपी देने में आनाकानी की जा रही है जहां भू माफियाओं का वर्चस्व है. श्री सिंह ने कहा कि जब अधिकारियों ने ग्रामीणों की बात नहीं सुनी तो उन्होंने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर किया और अब हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद भी अंचल के अधिकारी सर्टिफाइड कॉपी देने में आनाकानी कर रहे हैं. इस मामले को लेकर वरीय अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है और पार्टी का आंदोलन भी जारी है. लेकिन, सभी ने चुप्पी साध रखी है. तिसरी, गिरिडीह और बेंगाबाद अंचल हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में जमा किये गये आवेदन पर भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है.

निर्धारित प्रारूप में आवेदन दें, मिलेगा सर्टिफाइड कॉपी : एसडीएम

खोरीमहुआ अनुमंडल के एसडीएम अनिमेष रंजन ने कहा कि ग्रामीणों ने निर्धारित प्रारूप में आवेदन नहीं दिया था जिसके कारण उन्हें सर्टिफाइड कॉपी नहीं मिल रही थी. कई आवेदकों ने अपूर्ण आवेदन जमा किया है. उन्होंने कहा निर्धारित प्रारूप में आवेदन दें तो निश्चित रूप से सर्टिफाइड कॉपी आवेदकों को मिलेगी. अपूर्ण आवेदन मिलने के पश्चात आवेदकों को निर्धारित प्रारूप में पूर्ण जानकारी भरकर देने के लिए कहा गया. लेकिन लोग हठधर्मिता पर उतारू हैं. कहा कि सोमवार की घटना को असामाजिक तत्वों ने अंजाम दिया है. आंदोलन में स्थानीय लोग कम और बाहर के लोग ज्यादा थे. कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है.

प्रशासन की लापरवाही और नाकामी उजागर : बाबूलाल मरांडी

प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी राजधनवार विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं. इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें सारी स्थितियों से अवगत कराया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री मरांडी ने कहा कि इस मामले में प्रशासन की लापरवाही और नाकामी उजागर हुई है. तिसरी प्रखंड सह अंचल कार्यालय में हुई घटना शर्मनाक है और गिरिडीह के वरीय अधिकारियों को इस मामले की जांच करनी चाहिए. कहा कि किसान जनता पार्टी द्वारा पूरे प्रखंड के लोगों का रजिस्टर टू मांगना नियमसम्मत नहीं है. कोई एक व्यक्ति यदि अपना रजिस्टर टू की सर्टिफाइड कॉपी मांगता है तो वह नजारत रशीद कटवाकर अपनी मांग पूरी कर सकता है. लेकिन कोई संस्था बनाकर पूरे जिले भर की रजिस्टर टू की मांग करता है तो यह हठधर्मिता है.

आइजी माइकल राजेश तिसरी पहुंचे

तिसरी अंचल में ग्रामीणों और पुलिस के बीच पथराव और लाठी चार्ज की घटना की जानकारी मिलने के बाद आईजी माइकल राजेश तिसरी पहुंचे. उन्होंने पूरी स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पूरे मामले की जांच-पड़ताल करने के बाद आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें. इस दौरान उन्होंने घायल पुलिस अधिकारियों से भी मुलाकात की.

डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा लोग गिरफ्तार, धर-पकड़ जारी

पथराव और गाड़ी जलाने की कोशिश के बाद पुलिस ने ऐसे लोगों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है. पथराव में लगभग एक दर्जन से भी ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिसमें आधा दर्जन पुलिस कर्मी शामिल हैं. पथराव में कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं. वहीं, सीओ के वाहन में तोड़-फोड़ कर जलाने का भी प्रयास किया था. इस मामले को लेकर पुलिस ने धर-पकड़ शुरू कर दिया है. डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी अब तक की जा चुकी है.

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