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गिरिडीह व आरके महिला कॉलेज में आइससी के रिजल्ट से छात्रों मेंअसंतोष

इएससी की परीक्षा में गिरिडीह कॉलेज, आरके महिला कॉलेज समेत जिला के विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राओं का रिजल्ट खराब होने से छात्रों में असंतोष है. मामले को लेकर शनिवार को काफी छात्र-छात्राएं समाहरणालय पहुंचे और रिजल्ट पर पुनर्विचार के लिए जैक अध्यक्ष के नाम डीसी व डीइओ को एक ज्ञापन सौंपा है.

पुनर्मूल्यांकन. जैक अध्यक्ष व डीइओ को आवेदन देकर रिजल्ट पुनर्विचार करने की मांग

आरके महिला कॉलेज में सर्वाधिक छात्र फेल

गिरिडीह.

आइएससी की परीक्षा में गिरिडीह कॉलेज, आरके महिला कॉलेज समेत जिला के विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राओं का रिजल्ट खराब होने से छात्रों में असंतोष है. मामले को लेकर शनिवार को काफी छात्र-छात्राएं समाहरणालय पहुंचे और रिजल्ट पर पुनर्विचार के लिए जैक अध्यक्ष के नाम डीसी व डीइओ को एक ज्ञापन सौंपा है. प्रभावित विद्यार्थियों ने अपनी काॉपियां पुन: जांच करवाने की मांग की है.

समान अंक देकर फेल करने का आरोप : इस दौरान अभाविप के जिला संयोजक विजय ओझा ने कहा कि विद्यार्थियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार काफी छात्र-छात्राओं को समान अंक देकर फेल कर दिया गया है. इस स्थिति में छात्र-छात्रा काफी चिंतित व परेशान हैं. इस बाबत नगर मंत्री बबलू यादव ने परीक्षा परिणाम पर पुनर्विचार कर रिजल्ट प्रकाशित करने की मांग की है, ताकि कोई भी छात्र मानसिक तनाव में आकर कोई गलत कदम न उठा ले. उज्ज्वल तिवारी ने छात्रहित में रिजल्ट की त्रुटियों को सुधार करने की मांग की, अन्यथा अभाविप आंदोलन करने की बाध्य होगी. मौके पर मंटू मुर्मू, कॉलेज मंत्री नीरज चौधरी, नगर सह मंत्री नितेश तिवारी, प्रकाश कुमार, विक्रम कुमार, अंजली कुमारी, सूरज कुमार, आशीष कुमार, पूनम कुमारी, नेहा कुमारी, निशांत कुमार, सनी, बाल्मिकी, सिमरन कुमारी, नाजिया परवीन, सूरज कुमार समेत कई छात्र-छात्रा मौजूद थे.बॉक्स

कॉलेजों में 53.23 प्रतिशत तक छात्र फेलज्ञापन सौंपने पहुंचे छात्रों ने बताया कि आरके महिला कॉलेज के 139 में से 74 छात्राएं फेल कर गयी हैं, वहीं गिरिडीह कॉलेज में 184 में से 87 छात्र फेल हो गये हैं. जेपीकेआई कॉलेज भंडारों में 461 में से 107 छात्र फेल कर गये हैं. इसी प्रकार जिले के अधिकतर स्कूल-कॉलेजों में अधिक छात्र-छात्राएं फेल हैं. छात्र-छात्राओं ने कॉपियों की जांच अपने सामने करने की मांग की है. उनका दावा है कि वे अच्छे अंक प्राप्त करेंगे. कहा कि इस संबंध में कुछ छात्र-छात्राएं जैक कार्यालय गये और कॉपी रिचेक करवाने को कहा तो, उन्हें भगा दिया गया और कहा कि दो महीने बाद रिजल्ट जारी किया जाएगा. कहा कि अगर दो-तीन महीने में रिजल्ट जारी होगा, तो कई छात्र-छात्राएं स्नातक और नीट के नामांकन से वंचित रह जायेंगे. स्नातक में नामांकन के लिए सीयूइटी 11 मई से प्रारंभ हो रहा है. समय रहते रिजल्ट में सुधार नहीं होता है, तो उनका भविष्य खराब हो जायेगा.

बॉक्स:::प्राप्तांक से असंतुष्ट विद्यार्थी कराएं स्क्रूटनी

विदित हो कि इंटर के तीनों संकायों का रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद अपने प्राप्तांकों से असंतुष्ट विद्यार्थियों को स्क्रूटनी कराने का मौका दिया गया है. दो मई से स्क्रूटनी के लिए शुरू आवेदन 17 मई तक चलेगा. दरअसल स्क्रूटनी में रिचेक यानी कॉपी का पुनर्मूल्यांकन नहीं होता है. स्क्रूटनी में चार तथ्यों का ख्याल रखा जाता है. पहला कॉपी चेक हुई है, पर नंबर देना भूल गया या कॉपी के बाहरी पन्ने पर नंबर गलत पोस्ट हो गयै हो तो वहां नंबर दिये जायेंगे या सुधारा जायेगा. कॉपी के अंदर प्रश्नोत्तर के लिए नंबर तो दिया गया है, पर कॉपी के बाहरी पन्ने पर उसकी पोस्टिंग नहीं हुई है तो वहां पोस्टिंग सुधारी जायेगी. कॉपी से मार्क्स फॉयल में नंबर की इंट्री में भूल हुई है तो उसमें सुधार होता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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