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अयोध्या में मंदिर बनना ही चाहिए : शंकराचार्य
जो मंदिर निर्माण के पक्ष में नहीं उसे शासन का हक नहीं मंदिर-मसजिद के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंक रहे कुछ दल अयोध्या में रामलला मंदिर के लिए सभी को करनी चाहिए पहल गिरिडीह. पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि जो मंदिर निर्माण के पक्ष में नहीं है उसे देश में शासन […]
जो मंदिर निर्माण के पक्ष में नहीं उसे शासन का हक नहीं
मंदिर-मसजिद के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंक रहे कुछ दल
अयोध्या में रामलला मंदिर के लिए सभी को करनी चाहिए पहल
गिरिडीह. पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि जो मंदिर निर्माण के पक्ष में नहीं है उसे देश में शासन करने का हक नहीं है. अयोध्या में किसी भी कीमत पर मंदिर बनना ही चाहिए. मंदिर-मसजिद के नाम पर कुछ दल सिर्फ अपनी रोटी सेंक रहे हैं.
अयोध्या में रामलला के मंदिर के लिए सभी को पहल करनी चाहिए. शंकराचार्य गुरुवार को गिरिडीह में पत्रकारों से बात कर रहे थे. राम मंदिर के निर्माण को लेकर उन्होंने तीन सुझाव भी दिये हैं. कहा कि कानून के जरिये मंदिर निर्माण का रास्ता निकालना सरकार का काम है. संसद में भाजपा और उसके समर्थक दल प्रस्ताव लाये और कांग्रेस समेत अन्य दल के लोग इसका समर्थन करें. संसद में प्रस्ताव पारित होने के बाद अयोध्या में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त अासानी से हो सकता है.
दूसरा रास्ता न्यायालय के जरिये हो सकता है, लेकिन न्यायालय में मामले की सुनवाई तेज गति से हो. तीसरा सुक्षाव देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि सद्भाव व सामंजस्य के जरिये भी अयोध्या विवाद का समाधान किया जा सकता है. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर मोदी सरकार की ओर से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है.
गौ रक्षकों को राष्ट्रद्रोही की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता
शंकराचार्य ने कहा कि गौ हत्यारों को राष्ट्र भक्त और गौ रक्षकों को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है. अपनी परंपरा का निर्वहन करते जो गोवंश की रक्षा कर रहे हैं उन्हें राष्ट्रद्रोही श्रेणी में नहीं रखा जा सकता. इस पर सरकारों को विचार करने की जरूरत है. जिस प्रांत में गोवंश रक्षा के लिए कानून बने हैं, वहां की सरकार उसका निर्वाह नहीं कर पा रही है. ऐसे में क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया हो रही है. केरल में खुलेआम मानवता की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. इस पर सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
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