सुखबाना. सुखबाना पंचायत अंतर्गत नवादा गांव में प्रस्तावित कचरा निस्तारण केंद्र को लेकर गुरुवार को बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया. बिना पूर्व सूचना के जब नगर परिषद गढ़वा की ओर से कचरा डंप करने की कोशिश की गयी, तो ग्रामीणोंका गुस्सा फूट पड़ा. करीब 500 ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध किया और कचरा लदे ट्रैक्टरों को मौके से वापस लौटा दिया. जानकारी के अनुसार, नगर परिषद द्वारा 6–7 ट्रैक्टरों में कचरा भरकर सुखबाना लाया गया था. इन ट्रैक्टरों के साथ नगर परिषद अध्यक्ष पिंकी केसरी के पति संतोष केसरी, लगभग 25 सहयोगियों के साथ 10 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर पहुंचे थे. ग्रामीणों का आरोप है कि नगर परिषद और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से चोरी-छिपे कचरा गिराने की कोशिश की जा रही थी, जबकि उन्हें इसकी कोई पूर्व जानकारी नहीं दी गयी थी.
गांववालों ने मौके पर पहुंचकर ट्रैक्टरों को घेर लिया और जमकर नारेबाजी की. स्थिति बिगड़ती देख नगर परिषद केकार्यपालक पदाधिकारी, पुलिस बल और संतोष केसरी को ट्रैक्टरों समेत वापस लौटना पड़ा. ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में पहले से ही हाईकोर्ट में पीआईएल दायर है, जिसके बाद निस्तारण केंद्र पर अस्थायी रोक लगायी गयी थी. इसके बावजूद नगर परिषद द्वारा कचरा डंप करने का प्रयास पूरी तरह गैरकानूनी है. फिलहाल गांव में इस मुद्दे को लेकर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि जब तक कोर्ट का स्पष्ट आदेश और पारदर्शी प्रक्रिया सामने नहीं आती वे किसी भी हालत में कचरा डंपिंग की अनुमति नहीं देंगे.
ग्रामीणों ने ट्रैक्टरों को रोका, जताया कड़ा विरोध
कोर्ट से मिली है स्वीकृति
इस पर नगर परिषद गढ़वा के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि कोर्ट के निर्णय में नगर परिषद के पक्ष में आदेश आया है. इसी आधार पर कचरा डंपिंग की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को कोर्ट का आदेश शुक्रवार को नगर परिषद कार्यालय में दिखाया जायेगा. यदि वे चाहें तो अपने वकील से भी इसकी पुष्टि कर सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

