गढ़वा. भारतीय आदिम जनजाति परिषद के लोगों ने अपनी 17 सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को कुछ देर के लिए गढ़वा समाहरणालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया. इससे वहां लोगों की आवाजाही बंद हो गयी. बाद में गढ़वा बीडीओ कुमार नरेंद्र नारायण के हस्तक्षेप पर गेट खेला गया तथा आवागमन दुरुस्त किया गया. इसके पूर्व परिषद के लोग गोविंद उच्च विद्यालय के मैदान से निकलकर समाहरणालय तक जुलूस की शक्ल में पहुंचे और वहां धरना-प्रदर्शन किया. इसके बाद लोगों ने डीसी को मांग पत्र सौंपा. परिषद के लोगों ने कहा कि उनकी मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गयी, तो वे बाध्य होकर बड़े जनांदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे. इस दौरान परिषद के रमाशंकर बैगा, विजय कोरवा, नरेश कुमार भुईयां, उमेश परहिया, जिलाध्यक्ष सुरेश कोरवा, कृष्णा भुईयां, चम्पा देवी व मंगरी देवी सहित अन्य लोगों ने भी लोगों को संबोधित किया. उपस्थित लोग : मौके पर जितेंद्र कोरवा, शर्मा परहिया, महेंद्र राम भुईयां, बिगू कोरवा, बरती देवी, विशुन कोरवा, अजय कोरवा व मोहन भुईयां सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे. भारतीय आदिम जनजाति परिषद की मांग परिषद की ओर से सौंपे गये मांग पत्र में वन अधिकार अधिनियम-2006 और 2008 के तहत वन पर आश्रित परिवार को वन पट्टा सुनिश्चित करने, चिनिया प्रखंड के अंतर्गत पीवीजीटी परिवारों का तीन माह का बकाया राशन अविलंब वितरित करने, जंगली जानवरों के हमले में मृत्यु होने पर मुआवजा राशि चार लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने और आश्रित के परिवार को सरकारी नौकरी देने, आदिम जनजाति परिवारों को आठवीं पास के बाद सीधी नियुक्ति करने, दूसरे लोगों के नाम से की गयी पूर्वजों की खतियानी जमीन की इंट्री रद्द करने, भुइयां समाज के बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय का निर्माण करने, विधवा, वृद्धा और निःशक्त को देय पेंशन राशि एक हजार से बढ़ाकर पांच हजार रु प्रति माह करने, गांव-गांव में सरकारी अस्पताल और एम्बुलेंस की सुविधा बहाल करने, अभी तक जिन गरीब परिवार का राशन कार्ड नहीं बना है, वैसे सभी लोगों का राशन कार्ड बनाने, गरीबों पर केस मुकदमा करना बंद करने, बिजली बिल व कनेक्शन चार्ज मुफ्त करने, लाल पर्चा द्वारा बंदोबस्त जमीन की ऑनलाइन रसीद निर्गत करने, गांवों में श्मशान घाट का निर्माण कराने, मनरेगा में मिलने वाली मजदूरी 272 से बढ़ाकर 800 रु प्रतिदिन करने, आदिम जनजाति के महिलाओं के पेंशन को एक हजार से बढ़ाकर 5000 रु करने, भुइयां समाज के उत्थान के लिए महादलित बोर्ड का गठन करने, आदिवासी, गरीब, दलित, मजदूर और किसानों के बेरोजगार बच्चों को चिह्नित कर नौकरी देने तथा राशन कार्ड से प्रति माह मिल रहे पांच किलो चावल को बढ़ाकर 25 किलो करने की मांग शामिल है.
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