गढ़वा.
सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने मेराल प्रखंड अंतर्गत वज्रपात प्रभावित परिवारों के घर जाकर वज्रपात के शिकार हुए तीन लोगों के परिजनों का हाल-चाल जाना. उल्लेखनीय है कि बीते 19 मई को मेराल प्रखंड के तीन अलग-अलग गांवों के तीन लोगों की मौत वज्रपात से हो गयी थी. इनमें रेजो गांव के 42 वर्षीय धर्मेंद्र राम व लखेया गांव के 65 वर्षीय शंभू बैठा की मौत उस वक्त हो गयी थी, जब वे दोनों महुआ पेड़ के नीचे बने मकान में कार्य कर रहे थे. जबकि मेराल के समाजसेवी डॉक्टर लालमोहन के 16 वर्षीय पुत्र का निधन भी उसी दिन खेत में काम करने के दौरान वज्रपात से हो गया था. एसडीएम ने शुक्रवार शाम में उक्त सभी परिवारों के बीच पहुंचकर इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए शोक संतृप्त परिवारों का हाल-चाल लिया. साथ ही उन्हें इस अपार दुख की घड़ी में ढांढ़स बंधाया. निर्धारित सभी सरकारी मदद मिलेगी : इस दौरान एसडीओ ने उन्हें जानकारी दी कि प्राकृतिक आपदा के तहत निर्धारित नियमों के अनुसार सभी परिवारों को सरकारी मदद प्रदान की जायेगी. इस दौरान उन्होंने उक्त सभी परिवारों की आर्थिक स्थिति, मौजूदा जीविका के साधन, आवास, राशन एवं अन्य जरूरतों के बारे में भी पूछा. उक्त तीनों परिवारों में धर्मेंद्र राम के परिवार की हालत काफी दयनीय मिली. उनकी पत्नी सुनीता देवी का नियमित इलाज चल रहा है. उनका परिवार पूरी तरह से भूमिहीन और रोजगार विहीन है. वहीं उनका इकलौता बेटा सुमित कक्षा नवमी में सरकारी स्कूल में पढ़ रहा है. न उनके पास कोई भूमि है और न ही आय का कोई साधन. इस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने स्वर्गीय धर्मेंद्र के परिजनों को भरोसा दिलाया कि प्रशासन संवेदनशीलता के साथ इस परिवार को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभ दिलाने का प्रयास करेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है