कांडी. कांडी प्रखंड के गाड़ाखूर्द गांव स्थित नारायणपुर टोला के लगभग 40 परिवार आज भी सुगम आवागमन के लिए तरस रहे हैं. इस टोले पर न कोई पक्की सड़क है और न ही कोई वैकल्पिक रास्ता. बरसात के मौसम में कीचड़ से सना एकमात्र कच्चा रास्ता इतना खराब हो चुका है कि उस पर पैदल चलना भी दूभर हो गया है. टोले के छोटे-छोटे बच्चे गाड़ाखूर्द के निजी और सरकारी विद्यालयों तक पहुंचने में भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. कुछ बच्चों ने तो कीचड़ और रास्ते की कठिनाई के चलते स्कूल जाना तक छोड़ दिया है. ग्रामीणों ने बताया कि बेलहथ से नारायणपुर को जोड़ने वाला यही एक रास्ता है, जो अब पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है. इस समस्या की एक बड़ी वजह यह भी है कि नहर की पूर्वी बाहरी दीवार को कुछ स्थानीय लोगों ने काट दिया है ताकि खेतों में पानी ले जाया जा सके. इससे न सिर्फ रास्ता बंद हो गया है, बल्कि भीम बराज से निकलने वाली नहर का पानी भी आगे के गांव कसनप तक नहीं पहुंच पा रहा है. टोले के निवासी राम सेवक राम, मनोज राम, नरेश राम और सुरेश राम ने बताया कि नहर कटने से उनका जनजीवन ठप हो गया है. यह टोला अनुसूचित जाति बहुल है, लेकिन सरकार और प्रशासन की उपेक्षा के चलते यहां अब तक कोई मूलभूत सुविधा नहीं पहुंच सकी है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त वादे करने वाले जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद इस टोले को भूल जाते हैं.
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