Jharkhand Village Story: गढ़वा-भीषण गर्मी में हर कोई ठंडा-ठंडा कूल-कूल की तलाश में जुटा रहता है. ठंड का अहसासवाले लोकेशन की लोग तलाश करते रहते हैं. झारखंड के गढ़वा जिले में एक ऐसा ही गांव है, जहां भीषण गर्मी में भी सुकून महसूस होता है. उस गांव का नाम है सरुअत. प्रकृति की गोद में यह इलाका बसा हुआ है. पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है. तपती गर्मी में भी यहां रात में चादर की जरूरत पड़ती है.
गर्मी में भी अधिकतम तापमान 34 डिग्री से अधिक नहीं
झारखंड के गढ़वा जिले के बड़गड़ प्रखंड में सरुअत पहाड़ी है. यह छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा हुआ है. समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 3819 फीट है. पारसनाथ की पहाड़ी (करीब चार हजार फीट) के बाद यह झारखंड की दूसरी ऊंची चोटी है. भीषण गर्मी में भी यहां अधिकतम तापमान 34 डिग्री से ऊपर नहीं जाता. रात में न्यूनतम तापमान करीब 18 डिग्री तक आ जाता है.
गर्मी के मौसम में भी यहां रात में चादर की जरूरत पड़ती है.
लू में भी ठंड का अहसास
सरुअत के लोगों की मानें तो यहां सालोंभर पर्यटक आते रहते हैं. वे यहां का मनोहारी दृश्य देखते हैं. प्रकृति की गोद में कुछ क्षण बिताकर सपरिवार लौट जाते हैं. गर्मी के दिनों में इस गांव में लोगों को काफी आनंद आता है. भीषण गर्मी या लू के दौरान यहां का मौसम कूल-कूल रहता है. लोगों को ठंड का अहसास होता है.
सरुअत पहाड़ी पर कैसे पहुंचे?
छतीसगढ़ सीमा से चांदो से होकर बंदरचुआ के पास से चार पहिया गाड़ी या दोपहिया गाड़ी से आराम से पहुंच सकते हैं. बड़गड़ के पास से चांदो और बंदरचुआं तक जाना होगा. वहां से सीधे सरुअत पहाड़ी के ऊपर तक पहुंच सकते हैं. पैदल चल सकते हैं तो टेहरी पंचायत के हेसातू गांव के पास से सरुअत पहाड़ी पर पहुंच सकते हैं. पगडंडी नहीं होने के कारण चढ़ाई थोड़ी मुश्किल होती है. सरुअत पहाड़ी पर झारखंड की ओर से गाड़ी से नहीं पहुंच सकते.