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मृत घोषित कराने के लिए भी करना पड़ा घंटो इंतजार

मृत घोषित करने के लिए भी करना पड़ा घंटो इंतजार

गढ़वा.

गढ़वा सदर अस्पताल में ड्यूटी से चिकित्सकों के गायब रहने का मामला थम नहीं रहा है. सदर अस्पताल की लचर स्थिति से अवगत सिविल सर्जन एवं जिला प्रशासन इस पर कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे हैं. इससे ड्यूटी छोड़कर फरार रहनेवाले चिकित्सक, चिकित्सा कर्मियों, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एवं अस्पताल प्रबंधक का मनोबल बढ़ा हुआ है. सदर अस्पताल में रविवार की सुबह सात बजे से 10:30 बजे तक ड्यूटी पर कोई चिकित्सक नहीं था. इससे इमरजेंसी में इलाज कराने आये मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस दौरान सुबह सात बजे से एक सहायक पुलिसकर्मी को लेकर उसके परिजन एवं पुलिसकर्मी गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचे थे. उसकी मौत हो चुकी थी. पर सदर अस्पताल में उसे मृत घोषित करने के लिए भी तीन-चार घंटे इंतजार करना पड़ा. इसके लिए वहां कोई चिकित्सक में उपस्थित नहीं था. इससे परेशान पुलिस कर्मियों ने अधिकारियों को मोबाइल फोन पर इसकी जानकारी दी. इसके बाद सुबह 10.30 बजे सदर अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी में चिकित्सक आये और सहायक पुलिस कर्मी को मृत घोषित किया.

क्या है पूरा मामला : मझिआंव थाना क्षेत्र के मोरबे गांव निवासी सहायक पुलिस कर्मी कृष्णा गुप्ता का पुत्र निरंजन कुमार गुप्ता (29 वर्ष) केतार थाना में पदस्थापित था. ब्रेन हेमरेज के बाद रायपुर में इलाजरत निरंजन की स्थिति गंभीर होने पर उसे रेफर कर दिया गया. तब उसके परिजन उसे रांची लेकर जा रहे थे. परिजनों के अनुसार रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. इसके बाद उसे लेकर रविवार की सुबह सदर अस्पताल आये. उसकी मौत की खबर सुनकर पुलिस एसोसिएशन गढ़वा के पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी सदर अस्पताल पहुंचे. बताया गया कि अंत्यपरीक्षण की प्रक्रिया के लिए सबसे पहले चिकित्सक द्वारा उसे मृत घोषित किया जाना चाहिए था. लेकिन सदर अस्पताल में कोई चिकित्सक ड्यूटी में उपस्थित नहीं था.

एसडीओ को दी सूचना : पुलिस कर्मियों ने एसडीओ को फोन कर स्थिति से अवगत कराया और मदद की गुहार लगायी. इसके बाद यह मामला उपायुक्त तक पहुंचा. इसके बाद सदर अस्पताल में सुबह 10 :30 बजे इमरजेंसी ड्यूटी में चिकित्सक आये और निरंजन कुमार गुप्ता को मृत घोषित किया. इसके बाद उसके अंत्यपरीक्षण की प्रक्रिया पूरी की गयी. बताया गया कि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ हरेन चंद्र महतो एवं अस्पताल प्रबंधक सुनील मणि त्रिपाठी बिना किसी सूचना के एवं बिना किसी को प्रभार दिये ही गढ़वा से गायब हैं.

शोकॉज किया जा रहा है : सिविल सर्जनइस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने बताया कि उपाधीक्षक एवं अस्पताल प्रबंधक ने उन्हें या उनके कार्यालय में गढ़वा से बाहर जाने या छुट्टी पर जाने से संबंधित कोई सूचना नहीं दी है. इसको लेकर उनको शोकाज किया जा रहा है. वहीं ड्यूटी से नदारद चिकित्सक एवं ड्यूटी में देर से आने वाले चिकित्सक, हास्पिटल मैनेजर एवं उपाधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को लिखा जा रहा है.

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