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गोविंद प्लस टू विद्यालय को 50 साल पुरानी दुकानों से मात्र 4500 की आमदनी

गोविंद प्लस टू विद्यालय को 50 साल पुरानी दुकानों से मात्र 4500 की आमदनी

पीयूष तिवारी, गढ़वा जिले का सबसे पुराना और सर्वाधिक छात्र संख्या वाला राजकीयकृत गोविंद प्लस टू विद्यालय सही कार्ययोजना और मार्गदर्शन के अभाव में आज भी उपेक्षा का शिकार है. वर्ष 1929 में स्थापित यह विद्यालय आजादी से करीब 18 वर्ष पूर्व से संचालित है और शहर के बीचोंबीच स्थित होने के बावजूद इसके पास विकास की कोई ठोस योजना नहीं है. प्रबंधन की शिथिलता के कारण विद्यालय को आज भी किराये से मात्र 4500 रुपये प्रतिमाह की नाममात्र आमदनी होती है, जबकि लाखों की आय संभव है. विद्यालय की चारदीवारी से सटे मेन रोड पर विद्यालय की ओर से करीब 50 साल पहले पांच दुकानें बनायी गयी थीं. इनमें दुकानों का संचालन भी हो रहा है. चार बड़े दुकानों से 1000-1000 रुपये और छोटे दुकान से 500 रुपये किराया लिया जाता है. कुछ दुकानदारों ने मनमाने ढंग से दुकानों का पार्टिशन कर अतिरिक्त किरायेदार बसा दिये हैं, जिससे पांच दुकानें बढ़कर आठ हो गयीं, लेकिन विद्यालय को अभी भी केवल पांच दुकानों का ही किराया मिलता है. वर्ष 2020 तक इनमें से चार दुकानों से 200-200 रुपये और छोटे दुकान से मात्र 60 रुपये प्रतिमाह वसूला जाता था. रिकॉर्ड भी विद्यालय के पास 1997 से ही उपलब्ध है. विशेषज्ञों का मानना है कि विद्यालय के चारों ओर 60-70 बड़े दुकानों का निर्माण कराया जाए तो प्रतिमाह लाखों की आय हो सकती है. परिसर में भी भवन निर्माण बेतरतीब तरीके से हो रहा है, जिससे जमीन का उपयोग नहीं हो पा रहा. यदि योजनाबद्ध ढंग से निर्माण हो तो खेल मैदान या सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध हो सकती है. विद्यालय प्रबंधन की सोच विकासशील नहीं : पंकज चौबे इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता पंकज चौबे ने कहा कि गोविंद प्लस टू एक ऐतेहासिक विद्यालय है. इसके चारों तरफ दुकानों का निर्माण कराकर लाखों रुपये की आमदनी की जा सकती है. इसके लिए मात्र विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित करना है, लेकिन विद्यालय प्रबंधन शिथिल पड़ा हुआ है. किसी के पास विकास के लिए कोई भी दूरगामी सोच नहीं है. विद्यालय के साथ-साथ मैदान भी हो रहा बर्बाद : संजय तिवारी भारतीय ज्ञान विज्ञान समिति के जिलाध्यक्ष संजय तिवारी ने कहा कि न सिर्फ गोविंद प्लस टू विद्यालय बल्कि इसका ऐतेहासिक मैदान भी बरबाद हो रहा है. विद्यालय शहर के बीच में स्थित है और उसे थोड़े बहुत राशि के लिए सरकार का मुंह ताकना पड़ता है. नयी दुकान बनाने के लिए प्रयास होगा : विश्वविजय सिंह इस संंबंध में विद्यालय के प्राचार्य विश्वविजय सिंह ने कहा कि वे इसके लिए पहल की जायेगी. प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पदेन विधायक होते हैं. विधायक व शिक्षा विभाग से बात कर वे नयी दुकान बनाने की दिशा में काम करेंगे.

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