संदीप कुमार, केतार
केतार बाजार स्थित कर्पूरी गेट के समीप प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में शामिल लोगों ने प्रखंड की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि केतार में स्वास्थ्य व शिक्षा का अभाव हैं, प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन पिछले छह वर्षों से बन कर तैयार है, पर उसका उपयोग नहीं हो रहा है. प्रखंड में अब तक डिग्री कॉलेज की स्थापना नहीं हुई है. आंगनबाड़ी केंद्र से मिलने वाले पोषाहार भी समय पर नहीं मिल रहा है. पंचायतों को पर्याप्त अधिकार नहीं मिलने से गांव का विकास प्रभावित हो रहा है. सोन व पंडा नदी के बाढ़ से किसानों की जमीन नदी में समा रही हैं. कार्यक्रम के दौरान लोगों ने तटबंध का भी मामला उठाया. कार्यक्रम में शमीम अंसारी, तजामुल अंसारी, मुकुंद वैद्य, नंदू प्रजापति, इम्तियाज आलम, अशोक ठाकुर, मेराजुद्दीन अंसारी, अल्ताफ अंसारी, अरविंद मेहता आदि मौजूद थे.
गर्भवती महिलाओं व बच्चों को समय पर नहीं मिल रहा है पोषाहार
प्रशासन का फोकस गांवों के विकास पर नहीं
समाजसेवी राम विचार साहू ने कहा कि केतार प्रखंड की जो स्थिति हैं, उसे देख कर यही लगता है कि शासन प्रशासन का फोकस गांवों के विकास पर नहीं हैं. 2019 में तीन करोड़ की लागत से बना 10 बेड का अस्पताल पिछले छह वर्ष से बंद पड़ा है. स्वच्छता अभियान के दौर में केतार बाजार में एक सुलभ शौचालय तक की व्यवस्था नहीं हैं, जिससे लोगों को परेशानी होती है, पर इसे देखने वाला कोई नहीं हैं.बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधा मिले
लालेश्वर राम ने कहा कि केतार प्रखंड में डिग्री कॉलेज नहींं होने से लड़कियों को पढ़ाई में काफी परेशानी हो रही है. लोगों को बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधा मिले. इसके लिए सक्रियता के साथ प्रयास आवश्यक हैं. जरूरत पड़ने पर इस मुद्दे पर ग्रामीणों के साथ विधायक व शिक्षा मंत्री से भी मिलेंगे. यह मसला इस इलाके के भविष्य के साथ जुड़ा है.
महेंद्र पाल ने कहा कि केतार इलाके के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा हैं. रोजगार के अभाव में यहां से सैकड़ों मजदूर पलायन कर रहे हैं. काम के दौरान असमय काल के गाल में समा रहे हैं. इस पर रोक लगाने के लिए रोजगार का सृजन आवश्यक है. इस दिशा में गंभीरता से काम जरूरी है, तभी पलायन रूकेगा. क्योंकि इलाके में उद्योग धंधा विकसित होने की पर्याप्त संभावना हैं.
सोन पर तटबंध आवश्यक सूर्यनाथ सिंह ने कहा कि सोन व पंडा नदी में बाढ़ के पानी से तेजी से किसानों की रैयती भूमि के मिट्टी का कटाव हो रहा है. जिससे रैयतों की सैकड़ों एकड़ भूमि खत्म होती जा रही है. तटबंध बना कर इस समस्या का समाधान होना चाहिए. इससे किसानों को राहत मिलेगी. शासन का इस विषय पर ध्यान जरूरी हैं. कृषि के विकास पर ध्यान देना जरूरी हैं. सिर्फ कहने मात्र से किसानों का भला नहीं होगा.नहीं मिल रही हैं स्वास्थ्य सुविधाएं
छोटन सिंह ने कहा कि खोनहर व चेचेरिया गांव में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के लिए दूसरे प्रखंडों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. इसका समाधान होना चाहिए, विभाग के वरीय अधिकारियों को इस मामले को देखना चाहिए. सरकार कहती है कि सबको स्वास्थ्य का अधिकार मिलेगा पर धरातल की वास्तविकता कुछ और है.
मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार चरम पर ग्रामीण अशोक ठाकुर ने कहा कि मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है. आरोप लगाया कि रिश्वत नहीं देने वाले लाभुकों का मस्टर रोल जीरो कर दिया जाता है तथा जांच के नाम पर प्रताड़ित किया जाता है. इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक लगे, अन्यथा ऐसा करने वालों का मनोबल बढ़ेगा.म्यूटेशन का काम बंद होने से हो रही परेशानी
अल्ताफ अंसारी ने अंचल कार्यालय में म्यूटेशन कार्य बंद होने का मुद्दा उठाया. कहा कि इससे लोगों को परेशानी हो रही हैं. वर्तमान में अंचल कार्यालय के कार्यों से आमलोग त्रस्त है, पर दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है. ऐसा लगता है इस पर अब आम आदमी को ही मुखर होना होगा.
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